Supreme Court : 15 दिनों में प्रवासी मजदूरों को घर भेजें

लॉकडाउन उल्लंघन के मुकदमें वापस लेने और मजदूरों को रोजगार देने के लिए स्कीम बनाने के निर्देश

Publish: Jun 10, 2020, 12:47 AM IST

सुप्रीम कोर्ट ने प्रवासी मजदूरों के घरवापसी और उनपर लॉकडाउन के दौरान दर्ज किए गए मुकदमे पर मंगलवार को फैसला सुनाया है। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि केंद्र व राज्य सरकारें 15 दिनों के अंदर देशभर के विभिन्न जगहों में फंसे प्रवासी मजदूरों को घर भेजे और पलायन के दौरान लॉकडाउन उल्लंघन के मामले में मजदूरों पर जितने भी मुकदमें दर्ज किए गए हैं उन्हें वापस लिए जाएं। इसके साथ ही उच्चतम न्यायालय ने राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों को मजदूरों को रोजगार देने के लिए स्कीम बनाने का आदेश दिया है।

मंगलवार को प्रवासी मजदूरों के मामलों पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने राज्य व केंद्र शासित प्रदेशों को आदेश दिया है कि सभी प्रवासी मजदूरों को चिन्हित कर 15 दिनों के अंदर उन्हें वापस अपने घर लाया जाए। इस दौरान यदि किसी राज्य को अतिरिक्त श्रमिक ट्रेनों की जरूरत पड़ेगी तो उनके मांग के 24 घंटे के अंदर केंद्र उन्हें अतिरिक्त ट्रेनें मुहैया करेगी।

मजदूरों पर दर्ज मुकदमा भी होगा वापस

सुप्रीम कोर्ट ने मजदूरों पर दर्ज सारे मुकदमों को वापिस लेने के भी निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने निर्देश दिया है कि पलायन के दौरान डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के तहत जिन मजदूरों पर लॉकडाउन नियमों का उल्लंघन करने के आरोप में मुकदमें दर्ज किए गए हैं उन्हें तत्काल वापस लिया जाए। बता दें लॉकडाउन के दौरान बाहर निकलने और स्टेशन पर भीड़ लगाने जैसे मामलों में देशभर में कई जगहों पर पलायन कर रहे मजदूरों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किए गए थे।

इसके साथ ही कोर्ट ने सरकारों को उन्हें रोजगार सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है की राज्य और केंद्र सरकारें मजदूरों को रोजगार देने की स्कीम बनाए। जिसके बाद राज्य सरकारें काउंसिलिंग सेंटर की स्थापना करना होगा जहां मजदूरों के गांव व ब्लॉक स्तर पर डाटा इकट्ठा कर उनका स्किल मैपिंग किया जाएगा ताकि उन्हें रोजगार देने में आसानी होगी।