कंधार में भारत के बहादुर फ़ोटो जॉर्नलिस्ट दानिश सिद्दीकी की हत्या, ड्यूटी करते हुए गंवाई जान
अफगानिस्तान में तालिबानी आतंकियों ने रॉयटर्स के फोटो जॉर्नलिस्ट दानिश सिद्दीकी की हत्या कर दी है, उन्होंने तीन दिन पहले ही ट्वीट कर खुद को जीवित बचे रहने पर भाग्यशाली बताया था

काबुल। रॉयटर्स के लीजेंड फ़ोटो जॉर्नलिस्ट दानिश सिद्दीकी की अफगानिस्तान के कंधार में तालिबानी आतंकियों ने हत्या कर दी। भारतीय फ़ोटो जॉर्नलिस्ट दानिश सिद्दीकी अफगानिस्तान में तालिबानी आतंकियों की बर्बरता को रिपोर्ट करने गए थे। सिद्दकी की मौत से भारतीय पत्रकारिता जगत में शोक की लहर है। विश्व के मशहूर पुलित्जर पुरस्कार जीतने वाले सिद्दकी पिछले कई दिनों से विपरीत परिस्थितियों के बावजूद अफगानिस्तान में डटे हुए थे।
भारत में अफगानिस्तान के राजदूत फरीद मामुन्दजई ने सिद्दीकी की मौत पर दुख जताया है। उन्होंने ट्वीट किया, 'कल रात कंधार में एक दोस्त दानिश सिद्दीकी की हत्या की खबर से दुखी हूं। भारतीय पत्रकार और Pulitzer पुरस्कार विजेता अफगान सुरक्षा बलों के साथ थे। मैं उनसे 2 हफ्ते पहले उनके काबुल जाने से पहले मिला था। उनके परिवार और रॉयटर्स के प्रति संवेदना।'
Deeply disturbed by the sad news of the killing of a friend, Danish Seddiqi in Kandahar last night. The Indian Journalist & winner of Pulitzer Prize was embedded with Afghan security forces. I met him 2 weeks ago before his departure to Kabul. Condolences to his family & Reuters. pic.twitter.com/sGlsKHHein
— Farid Mamundzay फरीद मामुन्दजई فرید ماموندزی (@FMamundzay) July 16, 2021
दानिश सिद्दकी ने तीन दिन पहले ही ट्वीट कर कहा था कि वे अबतक सुरक्षित हैं, इसलिए खुद को भाग्यशाली समझते हैं। उन्होंने एक ट्वीट थ्रेड में वीडियो साझा किया था, जिसमें देखा जा सकता है कि किस तरह उस सैन्य वाहन पर रॉकेट से अटैक हुआ था जिसमें वे सवार थे। इस रॉकेट हमले में तो वे बच गए लेकिन आतंकियों ने कांधार प्रांत के स्पिन बोल्डक इलाके में उनकी हत्या कर दी।
The Humvee in which I was travelling with other special forces was also targeted by at least 3 RPG rounds and other weapons. I was lucky to be safe and capture the visual of one of the rockets hitting the armour plate overhead. pic.twitter.com/wipJmmtupp
— Danish Siddiqui (@dansiddiqui) July 13, 2021
दानिश ने एक तस्वीर भी साझा किया था, जिसमें वे जमीन पर आंख-मूंदकर लेटे हुए थे, और उनके नजदीक अफगानिस्तान के दो सैनिक बैठे हुए थे। इसके साथ उन्होंने लिखा था कि पंद्रह घंटे काम के बाद 15 मिनट का आराम।
Got a 15 minute break during almost 15 hours of back to back missions. pic.twitter.com/Y33vJYIUlr
— Danish Siddiqui (@dansiddiqui) July 13, 2021
दानिश ने अपनी आखिरी रिपोर्ट कांधार से ही थी, जिसमें उन्होंने तालिबान और अफगान सुरक्षाबलों के बीच भीषण लड़ाई के बारे में विस्तार से बताया था। कोरोना की दूसरी लहर के दौरान दानिश की वो तस्वीर खूब चर्चा में आई थी जिसे दिल्ली के एक श्मशान घाट में ली गई थी। इस एक तस्वीर ने देश के हुक्मरानों को हिलाकर रख दिया था। दुनियाभर में भारत की वास्तविक परिस्थितियों की जानकारी भी इसी तस्वीर के बाद आई थी, उसके बाद भारत के लिए मदद के हाथ बढ़ने लगे थे।
रोहिंग्या मुसलमानों के हालातों पर दानिश ने अपनी आसाधारण रिपोर्टिंग के लिए दुनियाभर में पहचान बनाई थी। इसके लिए उन्हें पत्रकारिता के क्षेत्र में दुनिया का सबसे प्रतिष्ठित पुलित्जर पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। बीते कुछ समय में दानिश द्वारा खींची गई तस्वीरें साझा कर लोग उन्हें याद कर रहे हैं।
Some of @dansiddiqui 's most iconic clicks. What a great photojournalist, died on duty. Heartbreaking and shattering pic.twitter.com/qD7Z73bETM
— Stuti (@StutiNMishra) July 16, 2021
भारतीय दूतावास दानिश का शव वापस लाने की कोशिश कर रहा है। बताया जा रहा है कि जहां पर उनकी मौत हुई, वहां अब भी युद्ध जारी है, इसलिए इसमें दिक्कत आ रही है। दानिश मुंबई में रहते हुए रॉयटर्स के लिए काम करते थे हालांकि बाद में वो दिल्ली शिफ्ट हो गए थे। दानिश अपने पीछे अपनी पत्नी और दो बच्चों को छोड़ गए हैं।