हमें किसी से सीखने की जरूरत नहीं: प्रेस फ्रीडम और डेमोक्रेसी को लेकर यूएन में भारत का जवाब

संयुक्त राष्ट्र में भारत की पहली महिला स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने भारत में लोकतंत्र और प्रेस की स्वतंत्रता पर एक सवाल के जवाब में कहा कि हमें यह बताने की जरूरत नहीं है कि लोकतंत्र पर क्या करना है।

Updated: Dec 02, 2022, 07:43 AM IST

नई दिल्ली। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में भारत ने फ्रीडम ऑफ प्रेस और डेमोक्रेसी से जुड़े सवाल पर तल्ख टिपण्णी की है। भारत ने एक सवाल के जवाब में कहा कि किसी को ये बताने की जरूरत नहीं है कि हमें लोकतंत्र पर क्या करना है। 

दरअसल, भारत को दिसंबर महीने के लिए यूएनएससी की अध्यक्षता सौंपी गई है। अध्यक्षता संभालने के पहले दिन रुचिरा कंबोज ने यूएन हेडक्वार्टर में मीडिया को संबोधित किया। जिसमें उन्होंने बताया है कि कैसे भारत अगले एक महीने में काम करेगा और क्या मुख्य एजेंडा होगा

इस दौरान जब कंबोज से भारत में लोकतंत्र और प्रेस फ्रीडम को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने इसका जवाब देते हुए कहा, इस पर मुझे सिर्फ इतना ही कहना है कि भारत को किसी से भी सीखने की जरूरत नहीं है कि लोकतंत्र को कैसे चलाया जाता है।

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भारतीय राजदूत ने आगे कहा कि, 'जैसा आप सभी लोगों को पता है कि भारत दुनिया की सबसे प्रचीन सभ्यताओं में से एक है। भारत में लोकतंत्र की जड़ें 2500 साल पहले से थीं। अगर मौजूदा दौर की बात करें तो हमारे पास लोकतंत्र के सभी स्तंभ मजबूती से खड़े हैं। जिसमें विधायिका, कार्यपालिका, न्यायपालिका और चौथा स्तंभ मीडिया है। इसके अलावा सोशल मीडिया भी है। इसीलिए भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है।'

भारतीय राजदूत ने यहां ये भी कहा कि कैसे भारत लगातार दुनिया की मदद के लिए हमेशा से खड़ा रहा है। उन्होंने कहा, पिछले 2 साल में जब दुनिया संकट से गुजर रही थी, भारत हमेशा मदद के लिए और समाधानों के लिए आगे रहा। कोरोना में जैसे भारत ने दुनिया की मदद की, ठीक उसी तरह बाकी चीजों में भी भारत ग्लोबल टॉप टेबल में अपनी जगह बनाने के लिए तैयार है।