मुरैना में जहरीली शराब पीने से 12 की मौत, दो दर्जन से ज़्यादा लोगों की हालत गंभीर

जहरीली शराब पीने से मध्य प्रदेश के मुरैना के बागचीनी और सुमवाली थाना क्षेत्रों में अब तक 12 लोगों की मौत हो चुकी है, दो दर्ज़न से ज़्यादा लोगों की हालत नाज़ुक बताई जा रही है

Updated: Jan 12, 2021, 05:53 PM IST

Photo Courtesy: News 24 Hindi
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ग्वालियर/मुरैना। मुरैना में सोमवार को जहरीली शराब पीने से अब तक 12 लोगों की मौत हो गई है। मारे गए लोग मुरैना के सुमावली थाना क्षेत्र और बागचीनी थाना क्षेत्र के रहने वाले हैं। दो दर्जन से ज़्यादा लोगों की हालत गंभीर बनी हुई है। कुछ घायलों को ग्वालियर के अस्पताल में भी भर्ती कराया गया है। 

दरअसल ये पूरा मामला सोमवार देर रात सामने आया। जब जहरीली शराब पीने के बाद लोगों की तबीयत अचानक बिगड़ने लगी। जहरीली शराब पीने वाले बागचीनी थाना क्षेत्र के मानपुर गांव और सुमावली थाना क्षेत्र के पहावली गांव के रहने वाले हैं। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में एक दर्जन से ज़्यादा लोगों की हालत गंभीर बताई जा रही है, जबकि कुछ मीडिया रिपोर्ट्स सात लोगों की हालत गंभीर होने की बात कर रहे हैं।

मुरैना में जहरीली शराब पीकर मरने वाले लोगों की खबर सामने आने से न सिर्फ मुरैना बल्कि पूरे प्रदेश में हड़कंप मच गया है। जहरीली शराब से मौत का मामला सामने आने के बाद पुलिस इस पूरे मामले की जांच में जुट गई है कि आखिर मृतकों की मौत का कारण जहरीली शराब का सेवन है या नहीं। मामले की जांच में जुटी पुलिस ने मीडिया को बताया है कि वे गांव के लोगों से पूछताछ कर रहे हैं। पुलिस का कहना है कि शवों के पोस्ट मार्टम के बाद यह तस्वीर साफ हो जाएगी कि आखिर लोगों की मौत किस वजह से हुई है। 

मुरैना में धड़ल्ले से बनाई जाती है अवैध शराब 

मीडिया रियोट्स के मुताबिक मुरैना के बीहड़ में अवैध शराब बनाने का धंधा धड़ल्ले से चलता है। बीते 12 दिसंबर को मुरैना की पुलिस ने नूराबाद में कच्ची शराब की भट्टी भी पकड़ी थी। यहां पर गुड़, पीओ और नदी किनारे के गड्ढों में भरे पानी से शराब बनाई जाती थी। जिसके बाद इसे आसपास के गांवों में पहुंचाई जाती थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मुरैना में खेप की खेप अवैध शराब मुहैया कराई जाती है।

उज्जैन में भी जहरीली शराब पीने से हुई थी मौत 

अक्टूबर के महीने में उज्जैन में जहरीली शराब से मौत का मामला सामने आया था। उस दौरान अवैध शराब पीने से कुल 16 लोगों की मौत भी हुई थी। लेकिन लगता है उज्जैन की घटना से प्रशासन ने कोई सबक नहीं लिया। अगर उज्जैन की घटना से ही सबक लेकर पूरी मुस्तैदी दिखाई जाती और ज़हरीली शराब बनाने वालों के खिलाफ युद्ध स्तर पर काम होता तो शायद मुरैना की घटना को रोका जा सकता था।