गोशालाओं की दुर्दशा की रिपोर्ट पर भड़की कांग्रेस, गायों की भूख से मौत का लगाया आरोप

भोपाल की गोशालाओं की हालत के बारे में एक अख़बार की पड़ताल के मुताबिक साल भर में 650 गायें दम तोड़ चुकी हैं, सरकारी फंड नहीं मिलने की वजह से गोशालाओं में चारे की कमी हो रही है

Updated: Mar 12, 2021, 07:03 AM IST

Photo Courtesy: Bhaskar
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भोपाल। मध्य प्रदेश कांग्रेस ने शिवराज सरकार के राज में गौशालाओं की दुर्दशा का आरोप लगाते हुए तीखा हमला किया है। पार्टी ने कहा है कि कांग्रेस की कमलनाथ सरकार ने प्रदेश में गौशालाएं खुलवाकर अच्छा काम किया था, लेकिन बीजेपी की सरकार उनके लिए बजट नहीं दे रही, जिससे गायों का बुरा हाल हो रहा है। केवल भोपाल में ही एक साल में 650 गायों की मौत हो चुकी है। कांग्रेस ने यह तमाम आरोप गोशालाओं की दुर्दशा के बारे में प्रकाशित एक रिपोर्ट को शेयर करते हुए लगाए हैं। 

मध्य प्रदेश कांग्रेस ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल के जरिए इस मसले को उठाते हुए लिखा है, "शिव’राज में गायों की दुर्दशा, कमलनाथ सरकार ने बनवाई हज़ारों गौशालायें। कमलनाथ सरकार ने हज़ारों गौशाला बनाकर गौसेवा का सर्वोत्तम कार्य किया। शिव’राज ने बजट नहीं देकर केवल भोपाल में ही 650 गायों की जान ले ली।
शिवराज जी, गायों की भूख से मौत पाप है, और आप महापापी हैं। “शर्मनाक”

 

कांग्रेस ने जिस रिपोर्ट को शेयर करके हुए यह तीखा हमला शिवराज सरकार पर किया है, उसके मुताबिक   भोपाल में 21 निजी और 12 सरकारी गौशालाएं चल रही हैं, जबकि तीन नई गौशालाएं बनाने की योजना है। अभी चल रही गौशालाओं में फिलहाल करीब 6500 गायें हैं, जबकि पिछले एक साल में 650 गायों की मौत हो चुकी है। रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश में एक हजार सरकारी गौशालाएं बन चुकी हैं। सरकार अपने बजट में 2 हजार गौशालाएं बनाने की घोषणा की है। लेकिन मौजूदा गौशालाओं में बदइंतज़ामी का आलम है। रिपोर्ट के मुताबिक कई गौशालाओं में न को गायों को खिलाने के लिए फंड मिल रहा है और न ही उनकी देखरेख करने वालों को वेतन। कई जगहों पर तो गायों के लिए ठीक से पानी तक का इंतज़ाम नहीं है। कोई गाय बीमार पड़ जाए तो उसे बाकी गायों से अलग रखने की भी कोई व्यवस्था नहीं है। 

रिपोर्ट के मुताबिक गायों की देखरेख कर रही समितियों को सरकार की ओर से 9 महीने से फंड नहीं मिला है। न ही कर्मचारियों को वेतन मिला है। ऐसे में गौशालाओं में चारे-भूसे की कमी आम बात हो गई है। नगरनिगम की ओर से कहा गया था कि चारा उपलब्ध कराया जाएगा लेक़िन साल भर में दो ही बार चारा दिया गया। बताया जा रहा है कि पशुपालन विभाग ने सरकार से गौशालाओं के संचालन के लिए 150 करोड़ रुपए मांगे थे। लेकिन दिए गए सिर्फ 11 करोड़ 80 लाख रुपए। जाहिर है कि इन हालात में गौशालाओं और उनमें रह रही गायों की हालत बिगड़ना स्वाभाविक है। रिपोर्ट में यह बड़ा सवाल भी उठाया गया है कि जब भोपाल में अभी चल रही 33 गौशालाओं का इंतज़ाम ठीक से नहीं हो पा रहा है, तो तीस नई बनाने की ज़रूरत क्या है?