इंदौर में सात दिन के लिए मुर्गा मुर्गी के व्यवसाय पर रोक

पशुपालन विभाग की सलाह चिकन और अंडे को 70 फीसदी तापमान पर उबालकर खाएं

Updated: Jan 09, 2021, 03:57 AM IST

Photo Courtesy : News 18.com
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भोपाल। मध्यप्रदेश के इंदौर में बर्ड फ्लू के खतरे को मद्देनजर रखते हुए मुर्गा मुर्गी के व्यापार पर सात दिन के लिए रोक लगा दी गई है। यह आदेश पूरे इंदौर ज़िले में लागू होगा। इसके साथ ही अन्य जिलों से इंदौर में मुर्गे और मुर्गियां लाए जाने पर भी पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगा दिया गया है।

इंदौर के डेली कॉलेज के पास मुसाखेड़ी और नीमच के मुर्गी बाज़ार से लिए गए मुर्गी के सैंपल में गुरुवार को ही बर्ड फ्लू के लक्षण मिले थे। जिसके बाद दोनों जगहों पर एक किलोमीटर के दायरे में आने वाले चिकन मार्केट को सात दिन के लिए बंद करने का आदेश जारी कर दिया था। प्रदेश में लगातार बढ़ते बर्ड फ्लू के खतरे को देखते हुए इंदौर प्रशासन ने मुर्गे और मुर्गी के व्यापार पर एक हफ्ते के लिए प्रतिबंध लगा दिया है। हिंदी के एक प्रमुख अख़बार ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि इंदौर की तीन दुकानों पर चाकुओं में बर्ड फ्लू की पुष्टि होने के बाद प्रशासन ने यह निर्णय लिया है। 

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प्राप्त जानकारी के अनुसार पशुपालन विभाग ने प्रदेश के नौ जिलों में बर्ड फ्लू होने की पुष्टि की है। पशुपालन विभाग ने बर्ड फ्लू की रोकथाम के लिए ज़िला प्रशासन को आदेश जारी किया है। पशुपालन विभाग ने एहतियातन मांसाहार करने वाले लोगों को सलाह दी है कि वे चिकन और अंडे को कम से कम 70 डिग्री तापमान पर पका कर खाएं। पशुपालन विभाग ने कहा है कि बर्ड फ्लू से इंसानों को कोई खतरा नहीं है। लिहाज़ा इससे पैनिक होने की कोई आवश्यकता नहीं है। विशेषज्ञों की मानें तो पक्षियों की आंखों से पानी गिरना और गर्दन में सूजन आना बर्ड फ्लू के लक्षण हैं। 

प्रदेश के अब तक 21 ज़िलों में पक्षियों की अचानक मौत हुई है। पक्षियों की मौत का आंकड़ा 700 के पार पहुंच गया है। अकेले मंदसौर में 300 से ज़्यादा कौवों की मौत हो चुकी है। प्रदेश में दक्षिण भारत और उसके आस पास के राज्यों से पहले ही मुर्गे और मुर्गी के व्यापार पर रोक लगा दी गई है।