बोरवेल हादसे में मासूम की मौत के बाद अधिकारियों पर गिरी गाज, जनपद सीईओ और पीएचई एसडीओ सस्पेंड

सीएम डॉ. मोहन यादव ने मयंक की मौत पर दुख जताया है और त्योंथर जनपद के सीईओ और एसडीओ, पीएचई को निलंबित करने के निर्देश दिए हैं।

Updated: Apr 14, 2024, 07:16 PM IST

रीवा। रीवा बोरवेल हादसे में मासूम की मौत के बाद दो अधिकारियों पर गाज गिरी है। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने जनपद पंचायत त्योंथर के मुख्य कार्यपालन अधिकारी और पीएचई के एसडीओ को निलंबित करने के निर्देश दिए हैं। लापरवाही के आरोप में दोनों अधिकारियों को निलंबित किया गया है।

सीएम यादव ने पीड़ित परिवार वालों को रेडक्रॉस की ओर से चार लाख की आर्थिक मदद दिए जाने का भी ऐलान किया है। सीएम ने ट्वीट किया, 'रीवा जिले के मनिका गांव में बोरवेल में गिरे मासूम बच्चे मयंक को प्रशासन के लगातार और अथक प्रयासों के बाद हम नहीं बचा सके। मन अथाह दु:ख और पीड़ा से भरा है। ईश्वर दिवगंत आत्मा को शांति एवं परिजनों को यह गहन दु:ख सहन करने की शक्ति प्रदान करें।' 

यादव ने आगे लिखा, 'पीड़ित बच्चे के परिजनों को रेडक्रॉस की ओर से ₹4 लाख की आर्थिक सहायता प्रदान की गई है। दु:ख की इस घड़ी में, मैं और मध्यप्रदेश सरकार मयंक के परिजनों के साथ खड़े हैं।  इस मामले में जवाबदेही तय करते हुए सीईओ जनपद त्योंथर एवं एसडीओ पीएचई त्योंथर को निलंबित करने के निर्देश दिए हैं। मेरा आप सभी से अनुरोध है कि ऐसे बोरवेल को ढंक कर रखें, ताकि इस तरह की घटनाओं को भविष्य में रोका जा सके।'

बता दें कि रीवा में जनेह थाना क्षेत्र के मनिका गांव में 6 वर्षीय मयंक पिता विजय आदिवासी शुक्रवार दोपहर करीब 3.30 बजे से 4 बजे के बीच खुले बोरवेल में गिर गया था। ग्रामीणों ने अपने स्तर पर तुरंत उसे निकालने की कोशिशें शुरू कीं। खबर मिलते ही पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे। NDRF और SDERF की टीमों को बुलाया गया।

मयंक को निकालने के लिए बोरवेल के पैरेलल 8 जेसीबी मशीनों से खुदाई की गई। 60 फीट से अधिक खोदने पर पानी निकल आया। इसके चलते रेस्क्यू रोकना पड़ा। पानी खाली करने के बाद ड्रिल मशीन से बोरवेल तक पहुंचने के लिए सुरंग बनाई गई। सख्त मिट्टी आने पर मशीनों की जगह मैनुअली खुदाई की गई। काम के दौरान सुरंग में दोबारा पानी निकल आया। इसे मोटर पंप से बाहर निकाला गया। इसके बाद रेस्क्यू टीम रविवार दोपहर करीब पौने एक बजे मयंक तक पहुंच पाई। लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका।