मालवा-निमाड़ में सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश, खंडवा में 3 महीने में तीसरी बार दुर्भाग्यपूर्ण घटना

मध्य प्रदेश की 230 सीटों वाली विधानसभा में मालवा-निमाड़ बेल्ट की 67 सीटें आती है। चुनाव पूर्व मालवा निमाड़ में हो रही घटनाएं बड़े साजिश की ओर इशारा करती हैं।

Updated: Feb 06, 2023, 03:18 PM IST

खंडवा। मध्य प्रदेश में सत्ता की चाभी माने जाने वाले मालवा निमाड़ अंचल में सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ने की कोशिशें तेज हो गई हैं। चुनाव पूर्व मालवा-निमाड़ अंचल के जिलों में हो रही घटनाएं किसी बड़े साजिश की ओर इशारा करती है। अकेले खंडवा जिले में ही पिछले तीन महीने में सांप्रदायिकता की आग भड़काने की तीसरी कोशिश हो चुकी है।

रविवार देर रात खंडवा में मस्जिद के इमाम और एक नमाजी पर चाकू से हमला किया गया। आरोपियों ने अलग-अलग जगहों पर दोनों पीड़ितों की आंख में मिर्च पाउडर झोंककर वारदात को अंजाम दिया। घायल इमाम और नमाजी को आनन-फानन में देर रात ही इंदौर रेफर कर दिया गया। घटना से नाराज मुस्लिम समाज के लोगों ने पद्म नगर थाने पर प्रदर्शन कर आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की।

बताया जा रहा है कि मस्जिद के इमाम शेख उजैफा दुबे कॉलोनी में रहते हैं। जबकि दूसरा घायल कारोबारी मोहम्मद तलहा कुंडलेश्वर इलाके में रहता है। दोनों नमाज पढ़ने के लिए मस्जिद जा रहे थे, तभी उन पर हमला हुआ। प्रत्यक्षदर्शी मोहम्मद हुसैन ने बताया कि नमाजियों पर सुनियोजित तरीके से हमला किया गया था।

शहर काजी ने घटना को शहर की फिजा बिगाड़ने के लिए षड्यंत्र बताया है। शहर काजी सैयद निसार अली ने कहा, "इमाम और नमाजी पर चाकू से हमला होना एक बड़े षड्यंत्र का हिस्सा है। शहर की फिजा बिगाड़ने के लिए यह षड्यंत्र रचा गया है। शहर की फिजा बिगाड़ने वालों पर जल्द कार्रवाई होना चाहिए। कुछ लोगों की नीयत रहती है कि किसी भी तरह शहर में अशांति हो।" एडिशनल एसपी ने शहर के लोगों से अफवाहों से बचने की भी अपील की है।

दरअसल, पिछले तीन महीनों के भीतर यह तीसरी कोशिश है। नवंबर के दूसरे सप्ताह में खंडवा के हनुमान मंदिर में भगवान की मूर्तियों के साथ तोड़फोड़ का मामला सामने आया था। यहां मंदिर में भगवान शिव के लिंग और हनुमान जी की मूर्ति को खंडित कर दिया गया था। हिंदू संगठनों द्वारा खंडित प्रतिमाओं की तस्वीरें काफी तेजी से वायरल की गई थी और समुदाय विशेष को इसके लिए जिम्मेदार बताने की कोशिशें हुई। हालांकि, जांच में पता चला कि मंदिर के सेवादार ने ही इस घटना को अंजाम दिया था।

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इसके करीब एक महीने बाद खंडवा के दुबे कॉलोनी स्थित मुंशी चौक पर मुस्लिम युवकों के साथ मारपीट की घटना घटी थी। विरोध स्वरूप मुस्लिम समाज के लोगों ने थाना पदमनगर को घेर लिया थे जिसके बाद पुलिस ने FIR दर्ज की थी। लेकिन इसके बाद हिंदू संगठनों से जुड़े उपद्रवियों ने सीएसपी कार्यालय का घेराव कर दिया। इस दौरान एक उपद्रवी सीएसपी से कहा कि, "आप एक बार आधे घंटे के लिए हट जाओ, हम सब निपट लेंगे। हमें निपटना आता है।" इसका वीडियो वायरल होने बाद शहर में माहौल और बिगड़ गया था। अब इमाम और नमाजी को चाकू गोदने का मामला सामने आया है।

इस तरह की घटनाएं सिर्फ खंडवा ही नहीं बल्कि पूरे मालवा-निमाड़ बेल्ट में देखने को मिल रही है। इससे पहले इंदौर में पठान फिल्म के विरोध के नाम पर जमकर उपद्रव मचाया गया था। इतना ही नहीं इलाके में खुलेआम पैगंबर साहब को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की गई थी। जिसके बाद मुस्लिम समुदाय के लोग सड़कों पर उतर आए थे और सांप्रदायिक तनाव बढ़ गया था। इंदौर शहर में पिछले कुछ महीनों में सांप्रदायिक माहौल खराब करने की कोशिशें हो चुकी है। यहां सत्ताधारी दल से जुड़े लोग भी समुदाय विशेष को लेकर उलुल जुलूल टिप्पणियां करने से बाज नहीं आते।

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यही हाल दंगा प्रभावित खरगोन जिले की भी है। यहां भी समय समय पर पुराने जख्मों को कुरेदने की कोशिशें आम है। दंगा प्रभावित सेंधवा को भी दोबारा सांप्रदायिकता की आग में झोंकने की कोशिशें हो चुकी है। इन घटनाओं ने सांप्रदायिक सद्भाव के पैरोकारों को चिंतित कर दिया है। मामले पर कांग्रेस प्रवक्ता अब्बास हफीज ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार दंगे भड़काकर सांप्रदायिक ध्रुवीकरण करना चाहती है। उन्होंने प्रदेश के लोगों से अपील करते हुए कहा कि, "मध्य प्रदेश अमन और शांति के लिए जाना जाता है। हमें सांप्रदायिक ताकतों की सभी साजिशों को विफल करना है। हिंदू और मुस्लिम एकता ही प्रदेश को आगे ले जा सकती है। हम सभी लोगों से शांति बनाए रखने की और किसी के बहकावे में नहीं आने की अपील करते हैं।"

बता दें मालवा-निमाड़ जो पहले भाजपा के गढ़ के रूप में देखा जाता है वहां साल 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने बेहतर प्रदर्शन किया था। प्रदेश की 230 सीटों वाली विधानसभा में मालवा-निमाड़ की 67 विधानसभा सीटें आती है। मालवा निमाड़ अंचल को सत्ता की चाभी कहा जाता है। 2018 के प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस 67 सीटों में से 35 सीटों पर जीत हासिल कर प्रदेश में सरकार बनाने में कामयाब हुई थी। कांग्रेस को आशंका है कि मालवा निमाड़ में अपनी खोई जमीन हासिल करने के लिए सत्ताधारी दल सांप्रदायिक तनाव बढ़ाने की कोशिशें कर सकती है।