सिविल सोसाइटी के कार्यक्रम में राहुल का ऐलान, डर का सामना कर लिया तो ख़त्म हो जाएगी नफरत

दिल्ली स्थित कॉन्स्टीट्यूशन क्लब में देशभर के सामाजिक कार्यकर्ताओं से मिले राहुल गांधी, भारत जोड़ो अभियान के अगले चरण को लेकर हुई चर्चा, कहा- कांग्रेस तपस्वियों की पार्टी है।

Updated: Feb 06, 2023, 11:19 AM IST

नई दिल्ली। भारत जोड़ो यात्रा के समापन के हफ्तेभर बाद राहुल गांधी ने सोमवार को दिल्ली स्थित कॉन्स्टीट्यूशन क्लब में सिविल सोसाइटी के लोगों से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने यात्रा में नागरिक समूहों की भागीदारी के लिए धन्यवाद ज्ञापित कर भारत जोड़ो अभियान के अगले चरण को लेकर विचार मंथन किया। राहुल गांधी ने यहां कहा कि कांग्रेस पार्टी को सिविल सोसायटी के साथ मिलकर काम करना चाहिए।

दरअसल, सोमवार को कॉन्स्टीट्यूशन क्लब में "भारत जोड़ो अभियान" का राष्ट्रीय अधिवेशन बुलाया गया था। इस कार्यक्रम में देशभर के सामाजिक कार्यकर्ता और सिविल सोसायटी के सदस्य शामिल हुए। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस दौरान नागरिक समूहों से भारत जोड़ो अभियान के अगले चरण को लेकर चर्चा की। राहुल गांधी ने यहां सवाल-जवाब सेशन से अपने भाषण की शुरुआत की और यात्रा के अपने अनुभवों को भी साझा किया।

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राहुल गांधी ने इस दौरान कहा कि, "भारत जोड़ो यात्रा महज एक यात्रा नहीं बल्कि सोचने का एक तरीक़ा है। आडवाणी जी ने जब रथ यात्रा निकाली तो जनता उससे दूर थी। रथ डीज़ल इंजन की गाड़ी में चल रहे थे। इस यात्रा में रथ नहीं है। रथ राजा का होता है। इस यात्रा में कोई राजा नहीं सिर्फ़ प्रजा शामिल थी।"

राहुल गांधी ने आगे कहा कि, "इस यात्रा में हर धर्म जाति के लोगों को शामिल होने के लिए कहा गया था। यात्रा में सभी तरह के जीव भी चले। गाय, कुत्ते और अन्य जीव भी। मगर किसी को नुक़सान नहीं पहुँचाया गया। इस यात्रा में अहिंसा, मोहब्बत और एकता थी। आडवाणी जी की यात्रा में नफ़रत थी और हिंसा थी। वो एक विजन था, यह एक विजन है।" 

इस दौरान राहुल गांधी से पूछा गया कि क्या कांग्रेस नेशनल लेवल पर कोई ऐसा मैकेनिज्म बनाएगी जिसमें सिविल सोसायटी के लोगों को शामिल किया जाए। इसपर राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी की सिविल सोसायटी के साथ मिलकर काम करने की योजना है। जल्द ही ऐसा मैकेनिज्म तैयार किया जाएगा, ताकि लोकतांत्रिक तरीक़े से जनता के हितों की रक्षा की जा सके।

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योगी आदित्यनाथ और उत्तर प्रदेश से जुड़े सवाल के जवाब में राहुल गांधी ने कहा कि यूपी में धर्म नहीं अधर्म की आंधी है। उत्तर प्रदेश में योगी जी धार्मिक नेता नहीं है। योगी जी को हिन्दू धर्म नहीं पता है। क्योंकि कोई धर्म हिंसा और नफ़रत नहीं सिखाता। इसलिए यूपी में धर्म की आंधी नहीं है। योगी जी अपने मठ के इतिहास को कलंकित कर रहे हैं।

राहुल गांधी ने इस दौरान कहा कि यदि आपने डर का सामना कर लिया तो नफ़रत ख़त्म हो जाएगी। कांग्रेस तपस्वियों की पार्टी है। तपस्वी का हाथ (कांग्रेस का सिंबल) अभय मुद्रा है जो सिखाता है कि "डरो मत"। 
हम चाहते हैं कि ये देश तपस्या को समझे। तपस्वियों के देश में वो (बीजेपी, अंबानी, अडानी) अपनी पूजा करवाना चाहते हैं।

उन्होंने कहा कि, "संघ के विपरीत हम सिविल सोसायटी से ट्रेनिंग, कम्युनिकेशन आदि सीखना चाहते हैं। कांग्रेस को सिविल सोसायटी के साथ मिलकर काम करना चाहिए। ट्रेनिंग सेशन, दोनों को मिलकर करना चाहिए।" कार्यक्रम में भारत जोड़ो यात्रा आयोजन समिति के अध्यक्ष दिग्विजय सिंह, स्वराज इंडिया के फाउंडर योगेंद्र यादव समेत कई प्रमुख हस्तियां मौजूद रहीं।

कॉन्स्टीट्यूशन क्लब के बाहर मीडिया से बातचीत के दौरान राहुल गांधी ने कहा, "मैं काफी समय से बोल रहा हूं कि यह 'हम दो, हमारे दो' की सरकार है। सरकार डरी हुई है कि संसद में आडानी जी पर चर्चा न हो जाए। PM मोदी पूरी कोशिश करेंगे कि संसद में अडानी जी पर चर्चा न हो। सरकार को इस पर चर्चा करानी चाहिए। आप लोग कारण जानते ही हैं कि इस पर चर्चा क्यों न हो। मैं 2-3 साल से यह मुद्दा उठा रहा हूं। मैं चाहता हूं कि दूध का दूध और पानी का पानी हो जाए। हम चाहते हैं कि इस पर चर्चा हो और सब साफ हो। लाखों करोड़ रुपए का भ्रष्टाचार हुआ है। हिंदुस्तान के इन्फ्रास्ट्रक्चर पर जो कब्ज़ा किया गया है उसकी जांच हो और अडाणी जी के पीछे कौन सी शक्ति है वह भी देश को पता चले।"