MP का दूसरा सबसे प्रदूषित शहर है भोपाल, 300 के पार पहुंचा एयर क्वालिटी इंडेक्स, ग्वालियर सर्वाधिक प्रदूषित
पर्यावरण एक्सपर्ट्स का कहना है कि ठंड के सीजन में आम तौर पर एक्यूआई बढ़ता ही है। ठंड में वाहनों से निकलने वाली हानिकारक गैसें एक्सपेंड नहीं हो पाती व वायुमंडल में ठहरी रहती है।

भोपाल। ठंड की शुरुआत होते ही धीरे-धीरे शहरों की हवा प्रदूषित होना शुरू हो गई है। करीब 6 महीने बाद भोपाल में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) माड्रेट से पुअर में पहुंचा गया। भोपाल प्रदेश का दूसरा सबसे ज्यादा प्रदूषित शहर है। वहीं, प्रदूषण में पहले पायदान पर ग्वालियर है। भोपाल का AQI 310 जबकि ग्वालियर का AQI 338 है।
भोपाल (लाइव मॉनिटरिंग सिस्टम पर्यावरण परिसर) द्वारा सोमफार को वायु जांच के राजधानी का AQI-310 दर्ज किया गया है। सोमवार को इसी समय ग्वालियर (लाइव मॉनिटरिंग सिस्टम महाराज वाड़ा) का 338 एक्यूआई दर्ज किया गया। यानी ग्वालियर के बाद प्रदेश के सबसे अधिक प्रदूषित शहरों में दूसरे स्थान पर भोपाल है। इसके चलते पिछले कुछ दिन से भोपाल में पॉल्यूशन अब लाल रेखा की और बढ़ता दिखाई दे रहा है।
पर्यावरण एक्सपर्ट्स का कहना है कि ठंड के सीजन में आम तौर पर एक्यूआई बढ़ता ही है। ठंड में वाहनों से निकलने वाली हानिकारक गैसें एक्सपेंड नहीं हो पाती व वायुमंडल में ठहरी रहती हैं। जैसे-जैसे सर्दी बढ़ती है, गैस व धूल के कण वायुमंडल में देर तक ठहरते हैं, इससे एक्यूआई बढ़ता है।
भोपाल के पुराने रिकॉर्ड देखें तो पिछले साल यानी 2022 में लाल रेखा के पार पहली बार एक्यूआई 1 नवंबर को 312 दर्ज किया गया था। साल 2021 में 10 नवंबर को 312 दर्ज किया गया था। साल 2020 में नवंबर के दूसरे सप्ताह में एक्यूआई 305 पर पहुंचा था। अक्सर ठंड बढ़ने वायुमंडल के डस्ट पार्टिकल एक्सपेंड नहीं हो पाते हैं। इसलिए एक्यूआई में बढ़ोतरी होती है।