MP में कस्टोडियल डेथ को लेकर पुलिस मुख्यालय सख्त, थानों में मारपीट के लिए SP भी होंगे जिम्मेदार

पुलिस मुख्यालय की ओर से जारी सर्कुलर में स्पष्ट रूप से निर्देशित किया गया है कि पुलिस कार्रवाई के दौरान सड़क या रास्तों से हिरासत में लिए गए लोगों को थाने में न रोकें।

Updated: Sep 06, 2024, 12:34 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश में कस्टोडियल डेथ के मामले नहीं थम रहे हैं। गुना, खंडवा और मुरैना में हाल ही में हिरासत में हुई आरोपियों की मौत की घटना के बाद मध्य प्रदेश पुलिस मुख्यालय ने सख्त रुख अपनाया है। मुख्यालय ने अब एक नया सर्कुलर जारी किया है। सर्कुलर में कहा गया है कि SP के अधीनस्थ किसी थाने में पुलिस अभिरक्षा में हिंसा होती है तो यह माना जाएगा कि कहीं न कहीं उनके स्तर पर मॉनिटरिंग में भी लापरवाही रही है।

सर्कुलर में अपराध अनुसंधान विभाग ने सभी जोनल आईजी, जिला पुलिस अधीक्षक और पुलिस आयुक्त को दिए निर्देश में कहा है कि यह तय किया जाए कि पुलिस अभिरक्षा में लिए गए व्यक्ति को थाना स्टाफ के द्वारा किसी भी प्रकार से प्रताड़ित न किया जाए। इसके साथ ही, पुलिस अधीक्षक, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, नगर एसपी व अनुविभागीय अधिकारी (पुलिस) को थानों की औचक निगरानी और औचक निरीक्षण का निर्देश दिया गया है।

पुलिस मुख्यालय द्वारा जारी सर्कुलर में कहा गया है कि जोनल IG स्तर से भी यह देखा जाए कि उनके अधीनस्थ जिलों के थाना की सभी हवालातें सुरक्षित हैं, ताकि वहां कोई भी बंदी अपने शरीर को नुकसान न पहुंचा सके। किसी भी कैदी को बिना सुरक्षा के न रखा जाए औऱ हर समय एक प्रहरी हवालात के बाहर मौजूद रहे।

पुलिस मुख्यालय की ओर से जारी सर्कुलर में स्पष्ट रूप से निर्देशित किया गया है कि पुलिस कार्रवाई के दौरान सड़क या रास्तों से हिरासत में लिए गए लोगों को थाने में न रोकें। वहीं, अत्यधिक नशे में पाए गए व्यक्तियों एवं अन्य घायल व्यक्तियों को थाने पर नहीं रखा जाए, उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया जाए।