महाकाल के नाम पर भी भाजपा पैसे खा गई, शिवराज सरकार पर बरसे दिग्विजय सिंह

मध्य प्रदेश में कोई ऐसी योजना नहीं है जिसमें भाजपा ने भ्रष्टाचार ना किया हो। उज्जैन के महाकुंभ में घटिया निर्माण किया। इस से बड़ा प्रमाण क्या हो सकता है? क्या मोदी जी सीएम शिवराज से स्पष्टीकरण लेंगे: दिग्विजय सिंह

Updated: May 29, 2023, 02:12 PM IST

उज्जैन। मध्य प्रदेश के उज्जैन में रविवार को आंधी और बारिश के कारण महाकाल लोक में बड़ा नुकसान हुआ है। यहां नवनिर्मित सप्तऋषियों की 7 में से 6 मूर्तियां खंडित हो गईं। गनीमत रही की वहां मौजूद श्रद्धालु बाल-बाल बच गए। इस घटना के बाद महाकाल लोक निर्माण कार्य को लेकर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने घटिया निर्माण का आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा महाकाल के नाम पर भी पैसे खा गई।

दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर कहा कि, 'मध्य प्रदेश में कोई ऐसी योजना नहीं है जिसमें भाजपा ने भ्रष्टाचार ना किया हो। उज्जैन के महाकुंभ में घटिया निर्माण किया और अब 850 करोड़ रुपए से बना महाकाल लोक कॉरिडोर जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया उसकी मूर्तियाँ तेज़ हवा में ही गिर गयीं।कांग्रेस विधायक महेश परमार ने लोकायुक्त को जाँच करने के लिए अनुरोध किया था वह सही निकला।'

सिंह ने आगे लिखा है कि, 'भगवान शिवजी की मूर्ति तेज हवा में ही खंडित हो गईं। निर्माण किसने किया था? गुजरात की कंपनी ने। नरेंद्र मोदी जी यह आपके लिये शुभ संदेश नहीं है। मध्य प्रदेश में कोई भी योजना नहीं है जिसमें भ्रष्टाचार ना हुआ हो। अब महाकाल के नाम पर भी भाजपा पैसे खा गई। अब इस से बड़ा प्रमाण क्या हो सकता है? क्या मोदी जी ⁦सीएम शिवराज⁩ से स्पष्टीकरण लेंगे?'

पूर्व मुख्यमंत्री ने एक अन्य ट्वीट में लिखा, 'ठीक उसी शुभ दिन सप्तर्षियों की मूर्ति खंडित हुई, जब सब तरफ़ जयकार थी। हिन्दू मान्यता के अनुसार खंडित मूर्ति को नहीं रखना चाहिए। अब देखना होगा कि सरकार इन मूर्तियों की रिपेयर कराती है या नयी मूर्तियाँ स्थापित करती है! जय महाकाल!'

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अक्टूबर 2022 में उज्जैन में महाकालेश्वर मंदिर के नए परिसर महाकाल लोक का लोकार्पण किया था। यहां सप्तर्षियों की प्रतिमाएं स्थापित की गई थी। 10 से 25 फीट ऊंची ये मूर्तियां लाल पत्थर और फाइबर रेनफोर्स प्लास्टिक (एफआरपी) से बनी हैं। इन पर गुजरात की बाबरिया फर्म से जुड़े कलाकारों ने कारीगरी की है। हैरानी की बात ये है कि उद्घाटन के कुछ ही महीनों बाद मूर्तियां खंडित हो गई। ऐसे में अरबों रुपए के इस प्रोजेक्ट में बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार की आशंका है।