आदिवासी मौत मामले में कार्रवाई न करने को लेकर प्रदर्शन, प्रशासन के लगाए बैरिकेड्स टूटे

बुदनी में हुआ बवाल, जयस के नेतृत्व में प्रशासन के खिलाफ हुआ प्रदर्शन, स्टेट हाइवे जाम, प्रदर्शनकारियों ने थाने का किया घेराव

Updated: Sep 09, 2021, 01:54 PM IST

सीहोर। मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान के निर्वाचन क्षेत्र में आज आदिवासियों का गुस्सा स्थानीय प्रशासन पर फूट पड़ा। आदिवासी युवक के मौत मामले में प्रशासन के उदासीन रवैये के खिलाफ गुरूवार को भारी संख्या में प्रदर्शनकारी सड़कों पर उमर पड़े। इस बीच प्रशासन और प्रदर्शनकारियों के बीच टकराव की स्थिति भी उत्पन्न हो गई। आंदोलनकारियों ने रास्ते में प्रशासन द्वारा लगाए बैरिकेड्स भी तोड़ डाले।  

गुरुवार को बुदनी के ग़ड़रिया नाले से जयस के नेतृत्व में लोगों ने अपना आंदोलन शुरु किया। प्रदर्शनकारी काफी दिनों से पिछले महीने आदिवासी युवक की मौत मामले में कार्रवाई की मांग कर रहे थे। प्रशासन के उदासीन रवैये के खिलाफ आज भारी संख्या में लोग शाहगंज की सड़कों पर उमड़ आए। 

आदिवासियों के इस भारी प्रदर्शन के कारण स्टेट हाइवे 23 पर जाम लग गया। जिस वजह से वाहनों का आवागमन प्रभावित हो गया। इसी दौरान प्रशासन और प्रदर्शनकारियों के बीच टकराव की भी स्थिति निर्मित हो गई। प्रशासन ने आंदोलनकारियो को रोकने के लिए रास्ते में चार अलग-अलग जगहों पर बैरिकेड्स लगाए हुए थे। लेकिन आंदोलनकारी इन बैरिकेड्स को तोड़ आगे बढ़ गए। प्रदर्शन करते-करते आदिवासी शाहगंज थाने पहुंचे और थाने पर ही धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया।  

दरअसल एक महीने पहले शाहगंज के मछबाई गांव में बैतुल के रहने वाले और आदिवासी समुदाय से ताल्लुक रखने वाले विनोद नामक युवक की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी। मृतक युवक के परिजनों ने यह आशंका ज़ाहिर की थी कि युवक की हत्या की गई है। इस पूरे मामले में शाहगंज प्रशासन से जांच करने और शीघ्र ही कार्रवाई करने की मांग की गई थी। तत्कालीन एएसपी ने एसएस चौहान ने एसडीओपी को निर्देश दिए थे कि तीन दिन के भीतर मामले की जांच पूरी कर रिपोर्ट उनको सौंपी जाए। लेकिन प्रशासन की जांच और कार्रवाई दोनों ही ठंडे बस्ते में चली गई। जिसके बाद आज आखिरकार बुदनी में भारी संख्या में लोगों ने प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया।