जबलपुर में बच्चों के ई-रिक्शा से स्कूल जाने पर प्रतिबंध, कलेक्टर ने जारी किया आदेश
जबलपुर में कलेक्टर दीपक सक्सेना ने 23 जुलाई को तत्काल प्रभाव से पूर्ण जिले में यह आदेश जारी किया। जिससे बच्चों को स्कूल ई-रिक्शा के बजाय पेट्रोल या डीजल वाहन से आना-जाना होगा। बता दें यह निर्णय शहर में ई-रिक्शा की बढ़ती घटनाओं, ड्राइवर के सुरक्षा मानकों के उल्लंघन करने के मद्देनजर लिया गया है।

जबलपुर। ई-रिक्शा का इस्तेमाल बच्चे, बड़े और बुजुर्ग अक्सर मार्केट आने-जाने के लिए करते हैं। राजधानी भोपाल में भी कलेक्टर ने स्कूलों में ई-रिक्शा के आवागमन पर रोक लगाई है। दरअसल ई-रिक्शा पलटने और ट्रैफिक में बाधा बनने जैसी कई दिक्कतें सामने आई है। वहीं इसके बाद जबलपुर में कलेक्टर ने बच्चों की सुरक्षा के मद्देनजर ई- रिक्शा से स्कूलों में आने-जाने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया है।
कलेक्टर दीपक सक्सेना ने 23 जुलाई को तत्काल प्रभाव से पूर्ण जिले में यह आदेश जारी किया। जिससे बच्चों को स्कूल ई-रिक्शा के बजाय पेट्रोल या डीजल वाहन से आना-जाना होगा। बता दें यह निर्णय शहर में ई-रिक्शा की बढ़ती घटनाओं, ड्राइवर के सुरक्षा मानकों के उल्लंघन करने के मद्देनजर लिया गया है। ई-रिक्शा वजन में सामान्य ऑटो से कहीं ज्यादा हल्के होते हैं। इससे दुर्घटना या पलटने की संभावना बढ़ जाती है। जिसको देखते हुए कलेक्टर ने यह निर्णय लिया।
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वहीं इस आदेश के जारी होने के बाद अभिभावकों के सामने बड़ी समस्या आ गई है। काफी संख्या में बच्चे ई- रिक्शा से रोज स्कूल आना- जाना करते हैं। साथ ही ई-रिक्शा चालक जिन्होंने लोन लेकर ऑटो खरीदा था उनके सामने भी रोजी रोटी चलाने के लिए बड़ी कठिनाई खड़ी हो गई। क्राइस्ट चर्च स्कूल की क्लास छठवीं में पढ़ने वाली आकृति जैन के पिता ने बताया कि अब रोज पर्सनल वाहन से बेटी को स्कूल छोड़ना पड़ेगा। कलेक्टर को सोच समझ कर यह आदेश निकालना चाहिए था। अचानक आदेश निकालने से कई बच्चों को अपने स्कूल तक पहुंचने में बाधाएं आएंगी।