MP By Election: मुख्यमंत्री के चुनाव प्रचार में सरकारी धन और मशीनरी के इस्तेमाल पर भड़की कांग्रेस, चुनाव आयोग से कार्रवाई की मांग

दिग्विजय सिंह ने चुनाव आयोग और मुख्य सचिव से पूछे सवाल, सांवेर में शिवराज की जनसभा के लिए आई बसों में प्रशासन की तरफ से डीज़ल भरवाए जाने का मामला

Updated: Sep 27, 2020, 05:23 PM IST

Photo Courtesy: Zee News
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भोपाल। बीजेपी पर उपचुनावों में सरकारी मशीनरी के इस्तेमाल का मसला एक बड़ा विवाद का रूप लेता जा रहा है। मुख्यमंत्री की चुनावी जनसभा में भीड़ जुटाने के लिए लगाई गई बसों में सरकारी खर्च पर डीज़ल भरवाने के मामले में अब पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने भी सवाल उठाए हैं। यह मामला सांवेर में हुई मुख्यमंंत्री की जनसभा से जुड़ा है,  जिसमें भीड़ जुटाने के लिए 600 बसों का इस्तेमाल किया गया था। प्रशासन ने इन बसों में पेट्रोल भरवाने के लिखित आदेश 41 पेट्रोल पंपों को दिए थे। 

'मुख्य सचिव महोदय आप किसी पार्टी के गुलाम नहीं' 

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने इस मामले में ट्विटर के जरिए तीखी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए चुनाव आयोग और राज्य के मुख्य सचिव से गंभीर सवाल पूछे हैं। उन्होंने लिखा है, "मुख्य सचिव महोदय आप किसी पार्टी के गुलाम नहीं हैं संविधान का पालन करें नियम व क़ानून का पालन करें। क्या प्रशासन लिखित रूप में बसों व डीज़ल की व्यवस्था करने का निर्देश दे सकता है?" क्या मुख्य चुनाव आयुक्त इंदौर जिला प्रशासन की इस पक्षपातपूर्ण कार्रवाई का संज्ञान लेंगे। क्या हम इस सरकार के राज में मध्य प्रदेश में साफ-सुथरे और निष्पक्ष चुनाव होने की उम्मीद कर सकते हैं? चलिए देखते हैं क्या होता है..."

 

 

दिग्विजय सिंह ने अपने एक और ट्वीट में लिखा है, "सांवेर उप चुनाव में भाजपा की आम सभा के लिए जो बसें जुटाई गईं थीं उसमें डीज़ल भरावाया गया शासकीय अधिकारियों द्वारा!! CEC को जिस खाद्य अधिकारी ने डीज़ल भरवाने के आदेश दिये है उस पर कार्रवाई करनी चाहिए और भाजपा से स्पष्टीकरण लेना चाहिए।"

 

 

नियम-कानूनों का पालन करें मुख्य सचिव 
कांग्रेस नेता विवेक तन्खा ने भी सांवेर के पूरे घटनाक्रम पर मध्य प्रदेश के मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस को पत्र लिखकर शिकायत की है। विवेक तन्खा ने अपनी इस चिट्ठी को ट्विटर पर शेयर करते हुए लिखा है, "इस पत्र के माध्यम से मप्र मुख्य सचिव से अपेक्षा है कि इंदौर के दोषी अधिकारियों के विरुद्ध तुरंत कार्यवाही कर प्रशासन की निष्पक्षता दर्शाएं।"