मिशन 2023 के लिए कांग्रेस का एक्शन प्लान, MP के 23 हजार गांवों में लगाएगी गांधी चौपाल, ग्रामीणों से होगा सीधा संवाद

मध्य प्रदेश कांग्रेस एक बार फिर गांधी के सहारे चुनाव लड़ेगी। कांग्रेस प्रदेश में गांधी चौपाल लगाकर लोगों को अपनी रीति-नीति समझाएगी और विपक्ष की कमियां बताएगी।

Updated: Aug 26, 2022, 07:00 AM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव 2022 के परिणामों ने जहां बीजेपी की टेंशन बढ़ा दी है, वहीं कांग्रेस पार्टी के कार्यकताओं में उत्साह का संचार हुआ है। चुनाव परिणामों के बाद अब दोनों दल प्रदेश में 2023 के विधानसभा चुनाव के लिए रणनीति में जुट गए हैं। कांग्रेस ने अभी से विधानसभा चुनावों की तैयारी भी शुरू कर दी है। कांग्रेस 2 अक्टूबर से प्रदेशभर में गांधी चौपाल के जरिए लोगों तक अपनी रीति-नीति पहुंचाने की तैयारी में है।

गांधी चौपाल के जरिए कांग्रेस ने अपने बूथ स्तर तक के कार्यकर्ता को सक्रिय करने की रणनीति तैयार की है। गांधी चौपाल में विधायक से लेकर निचले स्तर तक के कार्यकर्ता को सक्रियता से भाग लेने के निर्देश दिए गए हैं। कांग्रेस मीडिया विभाग उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता ने कहा कि महात्मा गांधी हमारे प्रेरणा स्रोत हैं और उन्होंने हमेशा अंत्योदय के कल्याण का रास्ता दिखाया है। इसी विचार पर कांग्रेस ने दशकों देश में शासन चलाया है और एक बार फिर प्रदेश में अपनी जड़ें मजबूत करने हम गांधी के दिखाए मार्ग पर चलेंगे।

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कांग्रेस प्रदेश संगठन प्रभारी चंद्रप्रभाष शेखर ने बताया कि गांधी चौपाल में नुक्कड़ नाटक, खेती बाड़ी, पेयजल और सिंचाई के साधन, गांव की साफ-सफाई, स्वास्थ्य एवं शिक्षा की समस्या जैसे मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। गांधी चौपाल में कांग्रेस गांवों के धार्मिक स्थानों पर पूजन-पाठ भी कराएगी। गांधी चौपाल के दौरान हार-फूल से स्वागत और नारे लगाना पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगा।

दरअसल, मध्य प्रदेश में कांग्रेस के सामने कैडर को एक बार फिर से खड़ा करने की चुनौती है। इसलिए पार्टी अगले चुनावों तक लगातार मास कांटेक्ट के कार्यक्रम चलाएगी। उसका एक महत्वपूर्ण हिस्सा गांधी चौपाल रहेगा। इसके अलावा भारत जोड़ो अभियान, कांग्रेस नेताओं की पदयात्रा जैसे कार्यक्रम भी शामिल हैं। खुद पीसीसी चीफ कमलनाथ कई बार अपने भाषणों में इस बात का जिक्र कर चुके हैं कि कांग्रेस की लड़ाई भाजपा के मजबूत संगठन से है।

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कांग्रेस पार्टी बूथ स्तर तक संगठन मजबूत करने की रणनीति में जुट गई है। इसको लेकर प्रभारी और सह प्रभारियों के द्वारा लगातार बूथ स्तर तक स्थानीय मुद्दों, जातिगत समीकरणों और कांग्रेस के विधायकों की रिपोर्ट लेंगे। कांग्रेस प्रदेश कार्यालय में बुलाई गई बैठक के पहले मीडिया को संबोधित करते हुए कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा कि, तय किया गया है कि किसी भी विधायक को जिले का प्रभार नहीं मिलेगा। हमारा लक्ष्य आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर है। समय सिर्फ 13 महीने का बचा है, इसलिए हमारी कोशिश है कि विधायक पूरा फोकस अपना विधानसभा क्षेत्र में करें।