उज्जैन लैंड पूलिंग पर गहराया विवाद, BKS ने सरकार को दिया 48 घंटे में कानून वापस लेने का अल्टीमेटम
सीएम हाउस में 17 नवंबर की रात हुई उच्च स्तरीय बैठक में लैंड पूलिंग एक्ट वापस लेने की घोषणा हुई थी। लेकिन इसके एक दिन बाद 19 नवंबर को अफसरों ने एक्ट निरस्त करने के बजाय इसमें संशोधन का आदेश जारी कर दिया।
उज्जैन। लैंड पूलिंग योजना को लेकर भारतीय किसान संघ (BKS) और सरकार के बीच गतिरोध फिर गहरा गया है। संघ के प्रदेश अध्यक्ष कमल सिंह आंजना ने प्रशासन द्वारा जारी किए गए संशोधन पत्र को 'चालाकी' बताते हुए इसका कड़ा विरोध किया है। BKS ने सरकार को 48 घंटे में कानून निरस्त करने का अल्टीमेटम दिया है।
दरअसल, सीएम हाउस में 17 नवंबर की रात हुई उच्च स्तरीय बैठक में लैंड पूलिंग एक्ट वापस लेने की घोषणा हुई थी। लेकिन इसके एक दिन बाद 19 नवंबर को अफसरों ने एक्ट निरस्त करने के बजाय इसमें संशोधन का आदेश जारी कर दिया। यह सामने आते ही किसानों का आक्रोश फूट पड़ा।
भारतीय किसान संघ के प्रदेशाध्यक्ष कमल सिंह आंजना ने तो सरकार को 48 घंटे का अल्टीमेटम दे डाला। इस अवधि में एक्ट निरस्त नहीं होने पर उन्होंने पूरे प्रदेश में आंदोलन का ऐलान भी कर दिया। उन्होंने कहा कि सरकार संशोधन कर पैंतरे आजमा रही है।
उन्होंने कहा कि संघ अपनी मूल मांग पर कायम है कि योजना को पूर्णतः निरस्त किया जाए, न कि संशोधित। आंजना ने कहा कि यदि सरकार अपने वादे से पीछे हटती है, तो वे पूरे प्रदेश में बड़ा आंदोलन करेंगे। रणनीति तय करने के लिए BKS की टोली एक-दो दिन में बैठेगी, जिसके बाद 8-10 दिनों में सड़कों पर विरोध प्रदर्शन शुरू हो सकता है।




