विधायक नहीं फिर भी बांट रहे सरकारी राहत सामग्री

कोरोना लॉकडाउन में घिरे नागरिको को फ़ूड पैकेट्स और राशन बांटने के लिए हाल में दलबदल कर सरकार गिराने वाले विधायकों के घरों और कार्यालयों को केंद्र बनाया है। सीपीएम ने कहा है कि इस तरह पार्टी और प्रत्याशी विशेष को उपचुनावों में अनुचित लाभ पहुंचाने के लिए सरकारी मशीनरी और जनता के धन का दुरुपयोग किया जा रहा है।

Publish: Apr 18, 2020, 02:44 AM IST

congress ex mla who joined bjp
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भोपाल। कोरोना लॉकडाउन में घिरे नागरिको को फ़ूड पैकेट्स और राशन बांटने के लिए हाल में दलबदल कर सरकार गिराने वाले विधायकों के घरों और कार्यालयों को केंद्र बनाया है। सीपीएम ने कहा है कि इस तरह पार्टी और प्रत्याशी विशेष को उपचुनावों में अनुचित लाभ पहुंचाने के लिए सरकारी मशीनरी और जनता के धन का दुरुपयोग किया जा रहा है।

माकपा राज्य सचिव जसविंदर सिंह ने कहा है कि न केवल दल बदलने वाले पूर्व विधायकों के दफ्तरों और घरों को राहत वितरण का केन्‍द्र बनाया गया है बल्कि इन सभी इलाकों के प्रशासनिक अधिकारी राहत मांगने के लिए फोन करने पर जनता को इन नेताओं के घर जाने की सलाह तक दे रहे हैं। कांग्रेस छोड़ कर भाजपा में जाने और विधानसभा से इस्तीफा देने के बाद अब सिंधिया समर्थक नेता विधायक नहीं रह गए हैं। जनप्रतिनिधि नहीं रहने के बाद भी इनके जरिये राहत कार्य करवाने से स्पष्ट है कि भाजपा आगामी उपचुनावों के लिए मतदाताओं को प्रभावित करने का काम कर रही है।

सीपीएम राज्य सचिव जसविंदर सिंह ने चुनाव आयोग को पत्र लिख कर कहा है कि फिलहाल अल्पमत की सरकार चल रही है जिसका भविष्य आगामी दिनों में होने वाले 24 उपचुनावों के नतीजों पर निर्भर करेगा। इस लिहाज से सरकार और उसके तंत्र का यह आचरण और भी गंभीर हो जाता है। चुनाव आयोग हस्तक्षेप कर पूर्व विधायकों के आवासों और संपर्क कार्यालयों को राहत सामग्री के वितरण का केन्द्र नहीं बनने देगा। उन्‍होंने ऐसा करने वाले अधिकारियों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की भी मांग की है।