कर्ज में डूबे भोपाल नगर निगम का कारनामा: नेताओं को माला पहनाने के लिए रखा डेढ़ करोड़ का बजट

नगर निगम के पास बिजली बिल भरने के लिए नहीं हैं पैसे, फूल, माला और बुके के लिए डेढ़ करोड़ का निकाला टेंडर, पूड़ी-सब्जी के लिए 50 लाख रुपए

Updated: Nov 12, 2022, 05:07 AM IST

भोपाल। नगर निगम भोपाल अपने कारनामों को लेकर सुर्खियों में है। निगम के पास स्ट्रीट लाइट्स का बिजली बिल भरने के पैसे नहीं हैं। बावजूद करोड़ों का फिजूलखर्ची जारी है। निगम ने अब शहर के नेताओं को माला पहनाने के लिए डेढ़ करोड़ रुपए का बजट बनाया है।

दरअसल, नगर निगम चुनाव के बाद नवनिर्वाचित महापौर टेंडर बांटने में जुट गईं हैं। हाल ही में दो टेंडर जारी किए हैं। एक टेंडर फूल, माला और बुके के लिए है। दो साल के लिए डेढ़ करोड़ रुपए बजट तैयार किया गया है। यानी शहर के नेताओं को माला पहनाने में नगर निगम औसतन सवा 6 लाख रुपए खर्च करेगी।

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इतना ही नहीं पूड़ी, सब्जी और आचार के लिए निगम ने 50 लाख रुपए का बजट बनाया है। यह टेंडर भी दो साल के लिए है। यानी प्रतिमाह सवा चार लाख रुपए की पूड़ी, सब्जी में खर्च होंगे। निगम के इन टेंडर्स पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। चूंकि, यह वही नगर निगम है जिसके पास बिजली बिल भरने के पैसे भी नहीं हैं।

बीते दिनों दो हफ्ते तक राजधानी के 50 फीसदी हिस्से अंधेरे में डूबे रहे। बिजली कंपनियों ने बिल क्लियर नहीं होने के कारण स्ट्रीट लाइट्स का कनेक्शन काट दिया था। बिजली कंपनियों का निगम पर 22 करोड़ बकाया है। जिसमें निगम दो करोड़ ही जमा कर पाई है। मंत्रियों के हस्तक्षेप के बाद कंपनियों ने इलेक्ट्रिसिटी रिस्टोर तो कर दिया है, लेकिन बिल अभी भी बकाया है।

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इधर शहरवासियों से टैक्स वसूली भी जोरों पर है। लोगों की गाढ़ी कमाई का रकम फिजूलखर्ची में ही चला रहा है। नतीजतन राजधानी की सड़कें खस्ताहाल हैं। सीएम के फटकार के बाद भी सड़कों का मरम्मत कार्य नहीं हो सका है। अधिकांश इलाकों में सीवेज सिस्टम भी खराब हैं। ठेकेदारों का पेमेंट भी नहीं हो पा रहा। लेकिन फूल-माला और पूड़ी सब्जी के लिए पैसों की कमी नहीं है।

बीते दिनों ही चाय-नाश्ते को लेकर भी बड़ा खुलासा हुआ था। दरअसल, बीजेपी पार्षद दल की बैठक में चाय नाश्ते पर ही करीब 3 लाख रुपए खर्च हो गए। फिजूलखर्ची पर कांग्रेस हमलावर है। विपक्षी दल ने कहा है कि बीएमसी में भ्रष्टाचार चरम पर है। नागरिकों से पैसे लेकर उन्हें कोई सुविधाएं नहीं दी जा रही है। बीजेपी के लोग सिर्फ हेर-फेर में लगे हुए हैं।