पूर्व CM शिवराज, वीडी शर्मा और भूपेंद्र सिंह के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दर्ज, विवेक तन्खा ने दायर किया था परिवाद

सुप्रीम कोर्ट द्वारा पंचायत चुनाव में ओबीसी आरक्षण रोके जाने पर भाजपा नेताओं ने कमलनाथ और विवेक तन्खा को जिम्मेदार ठहराते हुए उन्हें ओबीसी विरोधी कहा था।

Updated: Jan 21, 2024, 09:38 AM IST

जबलपुर। मुख्यमंत्री पद छिन जाने के बाद शिवराज सिंह चौहान की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही है। जबलपुर में एमपी-एमएलए की विशेष कोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दर्ज किया है। साथ ही भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह के खिलाफ भी मानहानि मामले में केस दर्ज किया गया है। इन्होंने पंचायत चुनाव के दौरान तत्कालीन पीसीसी चीफ कमलनाथ और सांसद विवेक तन्खा को लेकर विवादित टिपण्णी की थी।

राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने एमपी-एमएलए जज विश्वेश्वरी मिश्रा की कोर्ट में इन तीनों के खिलाफ 10 करोड़ रुपए की मानहानि का दावा पेश किया था। जिस पर शनिवार को मुकदमा दर्ज किया गया है। कोर्ट ने इस मामले में सभी के बयान दर्ज होने के बाद यह एक्शन लिया है। तीनों नेताओं पर मानहानि की धारा 500 के तहत आपराधिक मानहानि का मुकदमा चलेगा।

बता दें कि साल 2021 में सुप्रीम कोर्ट ने एमपी में पंचायत चुनाव में 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण पर रोक लगा दी थी। कांग्रेस के राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने याचिकाकर्ताओं की ओर से पंचायत और निकाय चुनाव में रोटेशन और परिसीमन को लेकर पैरवी की थी। लेकिन, सर्वोच्च न्यायालय द्वारा ओबीसी आरक्षण रोके जाने पर बीजेपी नेताओं ने कमलनाथ और विवेक तन्खा को ओबीसी विरोधी बताते हुए उनके खिलाफ बयानबाजी की थी।

विवेक तन्खा ने तत्कालीन सीएम शिवराज सिंह चौहान, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और तत्कालीन मंत्री भूपेन्द्र सिंह से सार्वजनिक रूप से माफी मांगने की बात कही थी, लेकिन तीनों नेताओं ने माफी नहीं मांगी। जिसके बाद तन्खा ने कोर्ट में उनके खिलाफ 10 करोड़ रुपए का मानहानि केस दायर किया था। जिस पर सुनवाई करते हुए एमपी-एमएलए कोर्ट जबलपुर ने ये मुकादमा दर्ज किया है।