Dimani By Poll 2020: शुरू से दिमनी में बीजेपी का रहा है कब्ज़ा, 2018 में दूसरी बार जीती थी कांग्रेस

MP By Poll 2020: दिमनी में कांग्रेस ने सिंधिया समर्थक माने जाने वाले रवींद्र सिंह तोमर को बनाया उम्मीदवार, 2018 में गिर्राज दंडोतिया कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीत कर पहुंचे थे विधानसभा

Updated: Sep 23, 2020, 12:57 AM IST

Photo: Girraj Dandotiya
Photo: Girraj Dandotiya

भोपाल। मध्यप्रदेश में होने वाले विधानसभा उपचुनाव में एक सीट दिमनी की भी है। कांग्रेस ने इस सीट से अपना उम्मीदवार सिंधिया समर्थक माने जाने वाले रवींद्र सिंह तोमर को बनाया है। दिमनी विधानसभा सीट से मुरैना जिले के अन्तर्गत आती है। मुरैना जिले में दिमनी के अलावा पांच और विधानसभा सीट हैं। दिमनी से पूर्व विधायक गिर्राज दंडोतिया के बीजेपी में शामिल होने की वजह से यहां पर उपचुनाव होने हैं। 

दिमनी विधानसभा सीट के इतिहास की बात करें तो कांग्रेस के मुकाबले बीजेपी का पलड़ा यहां भारी है। दिमनी विधानसभा सीट पहली बार 1977 में अस्तित्व में आई थी। इस सीट से कांग्रेस को केवल दो बार (1993 और 2018) जीत हासिल हुई है। तो वहीं एक बार ( 2013 ) बहुजन समाज पार्टी के उम्मीदवार ने बाज़ी मारी है। 

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2013 में बीएसपी के बलवीर सिंह दंडोतिया पहली बार इस विधानसभा सीट से चुनाव जीते थे। इससे पहले तक यह सीट बीजेपी का गढ़ मानी जाती थी। 1977 में पहली बार जब इस सीट पर जानता पार्टी के टिकट पर मुंशीलाल चुनाव जीत कर आए थे। इसके बाद 1993 तक मुंशीलाल बीजेपी के विधायक बने रहे। 1993 में जब प्रदेश में कांग्रेस की सरकार आई तब रमेश कोरी कांग्रेस के टिकट से चुनाव जीत कर विधासभा पहुंचे थे। कांग्रेस पहली बार दिमनी विधानसभा सीट से चुनाव जीते थे। 

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हालांकि मुंशीलाल एक बार फिर 1998 में इस सीट से चुनाव जीत गए। मुंशीलाल इस सीट पर पांच बार विधायक चुने गए थे। 2003 में बीजेपी की उमा भारती सरकार बनी और साधना राय इस चुनाव में दिमनी का प्रतिनिधित्व करने विधानसभा में पहुंचीं। 2008 में बीजेपी के शिवमंगल सिंह तोमर इस विधानसभा सीट से चुनाव जीते थे। लेकिन 2013 में बीएसपी से बलवीर सिंह दंडोतिया कांग्रेस के मौजूदा उम्मीदवार रवींद्र सिंह तोमर को 2500 वोटों से हराकर विधानसभा पहुंचे थे। 2018 में गिर्राज दंडोतिया कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीत कर विधानसभा पहुंचे। 

अब तक इस विधानसभा सीट पर कुल 13 मर्तबा चुनाव हो चुके हैं। जिसमें से 10 बार ( एक बार जनता पार्टी ) बीजेपी ने इस सीट पर जीत हासिल की है। तो वहीं कांग्रेस को दो बार और बीएसपी को एक बार इस सीट से जीत हासिल हुई है।