Dabra By Poll 2020: डबरा सीट पर 2008 से कांग्रेस का कब्जा, अब इमरती देवी बीजेपी से उम्मीदवार

MP By Poll 2020: अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित ग्वालियर जिले की डबरा विधानसभा सीट पर 2008 से कांग्रेस की इमारती देवी जीती चुनाव, इस बार इमारती देवी बीजेपी की प्रत्याशी

Updated: Oct 19, 2020, 06:59 PM IST

Photo Courtesy: OpIndia
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ग्वालियर।  जिले की डबरा विधानसभा सीट 2008 से अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है। यहां 2008 से कांग्रेस का कब्जा रहा है। पिछले तीन विधानसभा चुनावों 2008 और 2013 और 2018 का चुनाव जीतकर कांग्रेस की ओर से इमरती देवी विधानसभा में इस इलाके का प्रतिनिधित्व करती रही हैं। इस बार वे बीजेपी से उम्मीदवार हैं और उनके सामने उनके समधी सुरेश राजे मैदान में हैं। 2013 के चुनाव में सुरेश राजे बीजेपी के उम्मीदवार रहे सुरेश राजे को अब कांग्रेस ने मैदान में उतारा है। 

डबरा में कुल 149696 मतदाता हैं।2013 के चुनाव में इमरती देवी को 67764 वोट मिले थे, वहीं बीजेपी प्रत्याशी सुरेश राजे 34486 वोट के साथ दूसरे स्थान पर संतोष करना पड़ा था। पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान 2018 में इमरतीदेवी ही अपने समधी सुरेश राजे को कांग्रेस में लाईं थीं।

दरअसल इमरती देवी की भतीजी की शादी सतीश राजे के भाई हरवंत राजे के बेटे मनोज राजे से हुई है। इसलिए वह उनकी समधन लगती हैं।  लेकिन राजनीति में इमरती देवी अपना अलग दमखम रखती हैं। वहीं सुरेश राजे भी डबरा की जनता को विश्वास दिलाने में जुटे हैं कि वे जनता के भरोसे पर खरे उतरेंगे।

दो गुट होने के कारण डबरा में बीजेपी कमजोर

डबरा में बीजेपी की स्थिति कमजोर मानी जाती है। दरअसल यहां बीजेपी के दो गुट हैं। जिससे यहां बीजेपी को नुकसान उठाना पड़ता है। यहां केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और मध्यप्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा के अलग-अलग गुट हैं। इन दोनों बीजेपी नेताओं की गुटबाजी की फायदा पिछले चुनावों में कांग्रेस की इमरती देवी को मिलता रहा है।

डबरा के जातीय समीकरण

डबरा विधानसभा इलाके में अधिकांश जाटव समाज के वोटर हैं, वहीं हरिजन, ब्राह्मण, रावत, कुशवाह और साहू समाज के मतदाता भी निर्णायक भूमिका निभाते हैं। वहीं बघेल, गुर्जर, सेन समाज, परिहार, आदिवासी समाज भी चुनाव को काफी हद तक प्रभावित करते हैं। डबरा में कुल मतदाता 149696 हैं। जिनमें से पुरुष मतदाताओं की संख्या 81204 औऱ महिला मतदाताओं की संख्या 68492 है।

 तीन चुनावों में रहा कांग्रेस का कब्जा

डबरा विधान सभा सीट पर साल 2008 में कांग्रेस का दबदबा रहा है। 2008 में इमरती देवी ने बीएसपी के हरगोविंद जौहरी को 10630 वोटों से हराया, बीजेपी तीसरे स्थान पर थी। साल 2013 में कांग्रेस की इमरती देवी ने बीजेपी के सुरेश राजे को 33278 वोटों से हराया था। साल 2018 के विधानसभा चुनाव में इमरती देवी ने बीजेपी के कप्तान सिंह को 57 हज़ार वोट से हराया था।

साल 2018 के विधानसभा चुनाव में डबरा सीट से कुल 12 प्रत्याशी मैदान में थे। 2018 में यहां कुल 1,49,489 वोट डाले गए थे। कांग्रेस के टिकट पर इमरती देवी को 90,598 वोट मिले थे। बीजेपी के कप्तान सिंह सेहसरी को 33,152 वोटों से संतोष करना पड़ा था। वहीं बसपा के पीएस मंडेलिया को 13,155 वोट मिले थे। वहीं अन्य उम्मीदवारों को 12,584 वोट मिले थे।

स्थानीय समस्याएं चुनाव में बनेंगी मुद्दा

डबरा के शहरी और ग्रामीण इलाकों में पेयजल समस्या है। जिसका निराकरण नहीं हो पा रहा है। इलाके में अवैध रेत का उत्खनन, बेरोजगारी, शराब का अवैध कारोबार बड़ी समस्या है। डबरा में अवैध रेत का परिवहन और इससे होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने के लिए कोई शासन प्रशासन अक्सर नाकाम होता दिखाई देता है। डबरा के सिविल अस्पताल में डॉक्टरों की कमी है। जिससे यहां के गंभीर मरीजों को ग्वालियर रैफर करने की स्थिति बनती रहती है। इस उपचुनाव में दल बदलने वाली बीजेपी प्रत्याशी को जनता सवालों से भी दो चार होना पड़ेगा। कांग्रेस भी इस मुद्दे को भुनाने की भरपूर कोशिश करेगी।यहां बीजेपी की इमरती देवी और कांग्रेस के सुरेश राजे में मुकाबला है।