बालाघाट में बेमौसम बारिश-ओलावृष्टि से 100 से अधिक गांवों फसल को भारी नुकसान, मुआवजे की मांग
मध्य प्रदेश के बालाघाट में बारिश के साथ ओले गिरने से 100 से अधिक गांवों में फसलों को भारी नुकसान हुआ है। किसानों ने मुआवजे की मांग को लेकर एसडीएम से मुलाकात की है।
बालाघाट। मध्य प्रदेश में मौसम का मिजाज बदला हुआ है। मंगलवार को भी हल्की बारिश का अलर्ट है। सागर, रीवा और शहडोल संभाग में कहीं-कहीं हल्की बारिश हो सकती है। बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से किसानों को काफी नुकसान हुआ है। बालाघाट जिले में 100 से अधिक गांवों में फसल चौपट हुई है। पीड़ित किसान मुआवजे की मांग कर रहे हैं।
जानकारी के मुताबिक रविवार को दोपहर में तेज बारिश के साथ ओले गिरने से पांच तहसीलों के सौ से अधिक गांवों में भारी नुकसान हुआ है। सोमवार को कृषि विभाग व राजस्व अमला ने गांवों में जाकर सर्वे करना प्रारंभ कर दिया है। ओले गिरने से सबसे ज्यादा नुकसान बिरसा, बैहर व लामता क्षेत्र में हुआ है। यहां के किसानों ने अनुविभागीय राजस्व कार्यालय पहुंचकर खेत में लगी फसल का मुआवजा दिए जाने की मांग की है।
अधिकारियों ने किसानों को आश्वासन दिया है कि उनके अमले द्वारा सर्वे कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। सर्वे के आधार पर ही उन्हें मुआवजा शासन से प्रदान करवाया जाएगा। किसानों ने बताया कि चना, गेहूं, सरसों, अलसी, लखाेरी के अलावा सब्जियों में बैंगन, टमाटर, मटर, आलू, लहसुन, प्याज, पालक, मैथी समेत अन्य सब्जियां व आम में लगी बौर पूरी तरह से बर्बाद हो गई है।
किसान चम्मूसिंह मर्सकोले ने बताया कि ओले गिरने से उसका पूरा मकान के कवेलू टूट-फूट गए। इसके अलावा तीन एकड़ 86 डिसमिल में चना, मटर, अलसी पूरी तरह से बर्बाद हो गई। इसी गांव में 210 मकानों में से 150 कवेलू के मकान क्षतिग्रस्त हो गए है। इतना ही नहीं बारिश से मकान के अंदर रखी हुई सामग्री भी पानी से नष्ट हो गई। किसान चतुर सिंह उइके के अनुसार, तेज बारिश के साथ ओले गिरने से कवेलू वाली छत टूटने से कपड़े समेत अन्य सामग्री नष्ट हो गई।