क्यों सिवनी में लगातार आ रहे भूकंप के झटके, क्या वजह है कि 2 हफ्ते में तीन बार डोली धरती

सिवनी और उसके आसपास के जिलों में चूना पत्थर की चट्टानें सिकुडने से हो रहा धरती में कंपन, कम तीव्रता के झटकों से किसी तरह के नुकसान की आशंका कम रहती है

Updated: Oct 05, 2021, 11:33 AM IST

Photo Courtesy: Hindustan
Photo Courtesy: Hindustan

भोपाल। मध्य प्रदेश के सिवनी जिले में बार-बार भूकंप आने से लोग परेशान हैं। 15 दिनों में तीन बार भूकंप के झटके महसूस किए गए। हालांकि सोमवार को आए इस भूकंप से किसी तरह के जानमाल का कोई नुकसान नहीं है। लेकिन अब लोगों के मन में डर बैठ गया है। यहां आ रहे भूकंप की तीव्रता रिटक्टर पैमाने पर बेहद कम हैं। अब तक यहां 2.9 से 3.7 तक तीव्रता के भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। इस बात की पुष्टि नेशनल सेंटर फॉर सेस्मोलॉजी द्वारा की गई है।

सोमवार को भी सिवनी के ग्रामीण इलाकों में भूकंप के झटके महसूस किए गए है। देर रात भूकंप का पता उस वक्त चला जब लोग अपने घरों में सो रहे थे, घरों में आल्मारियों में रखा सामान नीचे गिरा तब कहीं लोगों की नींद खुली।लोगों को धरती हिलने का भी आभास हुआ। जिसके बाद डर की वजह से लोग अपने-अपने घरों से निकलकर बाहर जमा हो गए। बताया जा रहा है कि जिले के खैरी, सीलादेही, नंदौरा, चूनाभट्टी, छिडिय़ा पलारी और डूडासिवनी इलाके में कई घरों को हल्का नुकसान हुआ है। कुछ घरों में दरारें आ गई हैं। 

इस भूकंप का केंद्र 5 से 10 किलोमीटर की गहराई में था। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर 5 या इससे ज्यादा तीव्रता का भूकंप ज्यादा सेकंड्स के लिए आए तो नुकसान की आशंका होती है। फिलहाल यहां सोमवार को कई बार हल्के झटके महसूस हुए है, जिसके बारे में कहा जा रहा है कि जनता को इससे भयभीत होने की जरूरत नहीं है।

मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि सिवनी, छिंदवाड़ा और बालाघाट इलाकों में इस तरह भूकंप की घटना होने का कारण चूने की चट्टानें हैं। धरती के भीतर चूना पत्थर की चट्टानें बहुतायात में हैं। जो वर्षा के दौरान सिकुड़ने लग जाती हैं। उनके बीच के पोर बंद होने से ये धंसने लगती हैं जिससे रहवासियों को भूकंप के झटके लगते हैं। इससे पहले यहां 21 सितंबर, 1 अक्टूबर को भी झटके महसूस किए गए थे।  जिसकी तीव्रता 2.1 और 3.6 दर्ज की गई थी।