फैक्ट्री का मालिक भाजपा नेता, क्या NSA के तहत होगी कार्रवाई, हरदा ब्लास्ट मामले में अरुण यादव का गंभीर आरोप

पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव ने पूछा है कि फैक्ट्री में इतनी बड़ी मात्रा में विस्फोटक सामग्री कहाँ से आई? क्या सरकार फैक्ट्री मालिक के खिलाफ NSA के तहत कार्रवाई करेगी?

Updated: Feb 07, 2024, 03:41 PM IST

हरदा। मध्य प्रदेश के हरदा में हुए ब्लास्ट ने हर किसी को झकझोर कर रख दिया है। इस भयंकर विस्फोट ने दर्जनों लोगों की जान ले ली है, वहीं सैंकड़ों लोगों को बुरी तरह घायल कर दिया है। पटाखा फैक्ट्री को लेकर एक के बाद एक चौंकाने वाले तथ्य भी सामने आ रहे हैं। इसी बीच कांग्रेस नेता अरुण यादव ने दावा किया है कि फैक्ट्री का मालिक भाजपा से जुड़ा हुआ है और एक बड़े नेता के संरक्षण में इसका संचालन हो रहा था।

कांग्रेस नेता अरुण यादव ने इस मामले में राज्य सरकार से कई तीखे सवाल भी किए हैं। यादव ने पूछा है कि यहां इतनी बड़ी संख्या में विस्फोटक सामग्री कहां से आई। साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि क्या फैक्ट्री मालिक के विरुद्ध एनएसए के तहत कार्रवाई की जाएगी। अरुण यादव ने बुधवार सुबह ट्वीट कर लिखा, 'हरदा पटाखा फैक्ट्री का मालिक भाजपा नेता है, इनकी ब्लैक लिस्टेड फैक्ट्री एक बड़े कद्दावर नेता के संरक्षण में चल रही थी, फैक्ट्री में विगत वर्षों में 2 बार विस्फोट पहले भी हो चुका है जिसमें 6 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी।'

अरुण यादव ने प्रदेश में पूर्व की घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि साल 2011 में टीकमगढ़ एवं राऊ में पटाखा फैक्ट्री में 14 लोग एवं 2014 में बड़नगर की पटाखा फैक्टरी में 15 लोगों की मौत हो गई थी। वहीं साल 2015 में झाबुआ के पेटलावद ब्लास्ट में 79 लोगों की मौत हुई थी। यादव ने सवाल उठाते हुए कहा कि सरकार ने इन घटनाओं से क्यों कुछ नहीं सीखा?

अरुण यादव ने जनता की ओर से राज्य सरकार से चार सवाल पूछे हैं। 

1 - फैक्ट्री के मालिक के सत्तारूढ़ पार्टी से क्या संबंध है एवं फैक्ट्री मालिक को हरदा के किस नेता का संरक्षण प्राप्त है?
2 - ब्लैक लिस्टेड होने के बाद भी आबादी क्षेत्र में पटाखा फैक्ट्री कैसे संचालित हो रही थी?
3 - फैक्ट्री मालिक और संरक्षण देने वालों के खिलाफ सरकार NSA के तहत कार्यवाही करेगी?
4 - जब फैक्ट्री अवैध थी तो इतनी बड़ी मात्रा में विस्फोटक सामग्री कहाँ से आई?

बता दें कि ब्लास्ट वाली पटाखा फैक्ट्री के संचालक का नाम राजेश अग्रवाल है। राजेश अग्रवाल के साथ तीन संयुक्त खातेदार थे। ब्लास्ट के बाद से ही फैक्ट्री संचालक फरार हो गए थे। हालांकि, देर रात पुलिस ने उन्हें धर दबोचा। वे मध्यप्रदेश-उत्तरप्रदेश और दिल्ली को जोड़ने वाले नेशनल हाइवे से होकर जा रहे थे। पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर आरोपियों को सारंगपुर से गिरफ्तार किया।