MP में खाद की किल्लत से जूझ रहे किसान, RSS के किसान संगठन ने भी खोला सरकार के विरुद्ध मोर्चा

पूरे प्रदेश में गेहूं-चना समेत रबी फसलों की बोवनी चल रही है, लेकिन किसानों को यूरिया और डीएपी नहीं मिल रही है। खाद की कालाबाजारी हो रही है: BKS

Updated: Nov 18, 2024, 10:25 AM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश में खाद संकट गहराता जा रहा है। प्रदेश में बड़े पैमाने पर खाद की किल्लत उत्पन्न हो गई है। स्थिति ये है कि किसानों को एक बोरी खाद के लिए दिन-रात कतार में खड़ा रहना पड़ रहा है। इसके बावजूद उन्हें निराशा ही हाथ लग रही है। खाद नहीं मिलने के कारण प्रदेशभर के किसानों में आक्रोश है। इसी बीच अब RSS से जुड़े किसान संगठन ने भी राज्य सरकार के विरुद्ध मोर्चा खोल दिया है।

RSS के आनुषंगिक संगठन भारतीय किसान संघ प्रदेश के सभी जिलों में सोमवार को कलेक्टरों को ज्ञापन सौंपेगा। बीकेएस के अध्यक्ष सर्वज्ञ जी. दीवान ने कहा कि अभी पूरे प्रदेश में गेहूं-चना समेत रबी फसलों की बोवनी चल रही है, लेकिन किसानों को यूरिया और डीएपी नहीं मिल रही है। खाद की कालाबाजारी हो रही है। जिससे किसानों को अधिक कीमत पर खाद खरीदना पड़ रही है।

किसान नेता ने कहा कि दो दिन पहले ही BKS सरकार को व्यवस्था सुधारने को कहा था, पर ऐसा नहीं हुआ। इसलिए सोमवार को संघ प्रदेश के सभी जिलों में मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टरों को ज्ञापन सौंपेगा।

बता दें कि राज्य में डीएपी-यूरिया की बड़े स्तर पर कालाबाजारी भी हो रही है। भोपाल में एक दुकानदार पर एफआईआर दर्ज हो चुकी है। वहीं, भोपाल, टीकमगढ़, सागर समेत कई जिलों में किसान खाद के लिए हंगामा कर चुके हैं। भोपाल के बैरसिया थाने में नरसिंहगढ़ रोड स्थित गौर कृषि सेवा केंद्र के संचालक कमल सिंह गौर के विरुद्ध उर्वरक नियंत्रक आदेश 1985 के प्रावधानों के तहत धारा 3, 4, 5 एवं आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 की धार 3, 7 के तहत एफआरआई दर्ज की गई है। यह सीजन में भोपाल में खाद विक्रेता पर पहली बड़ी कार्रवाई है।

बैरसिया में 1350 रुपए प्रति बोरी के हिसाब से मिलने वाली डीएपी खाद को 500 रुपए ज्यादा लेकर 1850 रुपए में बेचने का मामला सामने आया। वहीं, 267 रुपए कीमत की यूरिया की एक बोरी के 340 रुपए लिए गए। एसडीएम आशुतोष शर्मा की जांच में यह सामने आया था। इसके बाद गोदाम और दुकान सील कर दी गई।