बुधनी और विजयपुर में काउंटिंग के दौरान गड़बड़ी की आशंका, कांग्रेस ने मतगणना स्थल पर इंटरनेट बैन करने की उठाई मांग
कांग्रेस ने चुनाव आयोग से मांग की है कि मतगणना के दिन स्ट्रांग रूम से ईवीएम काउंटिंग के लिए ले जाने से पहले कांग्रेस प्रत्याशियों को स्ट्रांग रूम दिखाया जाए और ईवीएम ले जाने की पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी कराई जाए।
भोपाल। मध्य प्रदेश में दो विधानसभा में हुए हालिया उपचुनाव में जमकर हंगामा हुआ। अब 23 नवंबर को यानी कल वोटों की मतगणना होना है। उससे पहले कांग्रेस ने काउंटिंग प्रक्रिया में गड़बड़ी की आशंका जाहिर की है। इसे लेकर कांग्रेस ने चुनाव आयोग को 11 सूत्रीय मांग पत्र सौंपा है।
कांग्रेस के चुनाव आयोग कार्य के प्रदेश प्रभारी जेपी धनोपिया ने शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने कहा कि मतगणना के दौरान बीजेपी असामाजिक तत्वों को काउंटिंग स्थल पर ले जाकर कांग्रेस एजेंट्स पर मनोवैज्ञानिक दबाव बनाती है और उन्हें धमकाती है।कांग्रेस ने यह भी कहा है कि वहां तैनात अधिकारी और कर्मचारी भी बीजेपी का पक्ष लेते हैं। पार्टी ने आयोग से ऐसी स्थितियों को रोकने की मांग की है।
कांग्रेस ने चुनाव आयोग से मांग की है कि मतगणना के दिन स्ट्रांग रूम से ईवीएम काउंटिंग के लिए ले जाने से पहले कांग्रेस प्रत्याशियों को स्ट्रांग रूम दिखाया जाए और ईवीएम ले जाने की पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी कराई जाए। साथ ही पहले चरण की ईवीएम को मतगणना टेबल पर ले जाने के बाद दूसरे चरण की ईवीएम को सुरक्षित रखने के लिए स्ट्रांग रूम को पूरी तरह लॉक किया जाए।
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कांग्रेस ने निर्वाचन आयोग से कहा है कि मतगणना शुरू होने से पहले ईवीएम का सत्यापन कांग्रेस के एजेंट्स को दिखाकर किया जाए। इसका ब्यौरा, जिसमें ईवीएम क्रमांक, मतदान केंद्र, मतदाताओं की संख्या और बैट्री चार्जिंग का प्रतिशत शामिल हो, उपलब्ध कराया जाए। साथ ही मतगणना स्थल पर इंटरनेट का उपयोग प्रतिबंधित किया जाए, क्योंकि इससे अनुचित घटनाएं हो सकती हैं।
कांग्रेस ने ये भी कहा है कि डाकमत पत्रों की गणना शुरू होने के आधे घंटे बाद ईवीएम की काउंटिंग शुरू कराई जाए। अंतिम ईवीएम की गिनती तब तक न कराई जाए जब तक डाकमत पत्रों की गणना पूरी न हो। साथ ही डाकमत पत्रों को गंभीरता से जांचा जाए। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि अवैध डाकमत पत्रों को भी गणना में शामिल किया जाता है।
इसके अलावा पार्टी ने मांग की है कि हर राउंड की काउंटिंग के बाद प्रत्याशियों को प्रमाण पत्र दिया जाए। जब तक प्रमाण पत्र पर प्रत्याशी की सहमति न हो, अगले राउंड की काउंटिंग शुरू न की जाए। वहीं, ईवीएम काउंटिंग में वीवीपैट स्लीप की गिनती हर हाल में कराई जाए। यदि अंतर हो, तो दोबारा मतगणना कराई जाए।