कोमा में बताकर ऐंठ रहे थे पैसे, ICU से भागता हुआ बाहर आ गया युवक, बताई निजी अस्पतालों की काली सच्चाई
मरीज की पत्नी को कहा गया कि वह कोमा में है और उसकी रीढ़ की हड्डी टूट गई है। पत्नी ने पैसों का इंतजाम किया। लेकिन अस्पताल ने जिस मरीज की हालत गंभीर बताई थी, वो अपने पैरों पर चलकर आईसीयू से बाहर भाग आया।

रतलाम। देश में प्राइवेट अस्पतालों की मनमानी किसी से छिपी नहीं है। दो दिन पूर्व ही सुप्रीम कोर्ट ने इसे रोकने के लिए केंद्र सरकार को आवश्यक गाइडलाइंस तैयार करने के निर्देश दिए हैं। इसी बीच मध्य प्रदेश के रतलाम से निजी अस्पतालों की लूट का सनसनीखेज मामला सामने आया है। यहां एक मरीज जो अस्पताल के अनुसार कोमा में था वह ICU से भाग आया और उसके फिर जो बताया उसे सुनकर लोग दंग रह गए।
दरअसल, एक घटना में घायल रतलाम के दीनदयाल नगर निवासी बंटी निनामा को रविवार उसके परिजन लेकर निजी अस्पताल पहुंचे। परिजनों का आरोप है कि बंटी को कोमा में बताकर अस्पताल प्रबंधन ने दो लाख तक रुपए ऐंठे। बेटे से मिलने भी नहीं दिया। सोमवार को जिस बेटे को प्रबंधन ने कोमा में बताया वह खुद ही अर्धनग्न हालत में अस्पताल के बाद जा निकला। उसका वीडियो भी वायरल हो रहा है।
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मामला शहर के प्रसिद्ध जीडी हॉस्पिटल का है। डॉक्टरों ने बंटी की पत्नी लक्ष्मी निनामा को बताया था कि उनकी हालत बेहद खराब है और आगे के इलाज के लिए अस्पताल में पैसे जमा कराने होंगे। लक्ष्मी ने किसी तरह रुपयों का इंतजाम किया और अस्पताल पहुंची। लेकिन लोग उस वक्त चौंक गए जब बंटी आईसीयू से अपने पैरों पर चलकर बाहर निकले और कहा कि हॉस्पिटल वालों ने उनको बंधक बना रखा था।
सोशल मीडिया पर बंटी का जो वीडियो वायरल हुआ है उसमें वह अर्धनग्न अवस्था में हैं। उनके हाथ में टॉयलेट बैग है और नाक में नली लगी हुई है। बंटी ने आरोप लगाया कि अस्पताल वालों ने आईसीयू में उनके हाथ-पैर रस्सी से बांध रखे थे। बंटी जब किसी तरह आईसीयू से निकला तो उसने अपनी पत्नी को बताया कि मैं तो कब का होश में आ गया था और तुमसे मिलना चाह रहा था। लेकिन मिलने ही नहीं दे रहे थे। ये लोग मेरे साथ गलत बर्ताव कर रहे थे।
रतलाम स्वास्थ विभाग में मीडिया प्रभारी आशीष चौरसिया ने कहा कि उन्हें सोशल मीडिया से इस बारे में जानकारी मिली। चीफ मेडिकल एंड हेल्थ ऑफिसर (CMHO) ने जांच के लिए तीन सदस्यों की एक कमेटी बनाई है। हमने शिकायतकर्ता, उसकी पत्नी और अन्य के बयान लिए हैं। अस्पताल के सीसीटीवी फुटेज जमा कर लिए गए हैं। अस्पताल प्रबंधन के कर्मचारी और प्रबंधन के लोगों के बयान भी दर्ज किए गए हैं। अस्पताल प्रबंधन इसमें दोषी पाया जाता है तो नर्सिंग होम अधिनियम के तहत उनके खिलाफ एक्शन लिया जाएगा।