भोपाल के कमला नेहरू अस्पताल में लगी आग से 4 नवजात बच्चों की मौत, कांग्रेस ने मांगा चिकित्सा मंत्री का इस्तीफ़ा

सोमवार रात करीब नौ बजे अस्पताल के चाइल्ड वार्ड में अचानक आग लग गई, वार्ड में इस दौरान करीब 40 बच्चे भर्ती थे..लोगों ने बताया आग बुझाने के लिए तैनात फ़ायर ब्रिगेड की गाड़ी मेंटिनेंस के बग़ैर ख़राब पड़ी थी

Updated: Jul 23, 2022, 03:46 AM IST

भोपाल। भोपाल के हमीदिया अस्पताल कैंपस में स्थित कमला नेहरू अस्पताल में आग लगने से चार नवजात बच्चों की दर्दनाक मौत हो गई। सोमवार रात करीब नौ बजे अस्पताल के चाइल्ड वार्ड में अचानक आग लग गई। इस दौरान 40 बच्चे चाइल्ड वार्ड में भर्ती थे। जिस वक्त आग लगी यहां 24 घंटे से लेकर 4 दिन की उम्र के बच्चे भर्ती थे। बच्चों की मौत दम घुटने के कारण हुई बतायी जा रही है।

अस्पताल में आग की इस घटना पर कांग्रेस ने चिकित्सा शिक्षा मंत्री को आड़े हाथों लिया है। कांग्रेस ने सवाल उठाएं हैं कि आखिर हमीदिया अस्पताल ही बार बार लापरवाही का केंद्र क्यों साबित हो रहा है? कांग्रेस इसलिए भी सवाल उठा रही है क्योंकि जब आग लगी तो 15 मिनट तक इसे बुझाने का प्रयास नाकाम साबित हुआ क्योंकि 21 साल पुरानी इस बिल्डिंग के लिए जो फायर ब्रिगेड की व्यवस्था थी वो मेंटिनेंस के बगैर खराब पड़ी थी।

वहीं कांग्रेस प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने भाजपा नेताओं की संवेदनहीनता की निंदा की है। नरेंद्र सलूजा ने बीती रात मुख्यमंत्री आवास पर हुए डिनर पार्टी का जिक्र करते हुए कहा है कि अस्पताल में आग लगती रही, बच्चे मरते रहे, और दूसरी तरफ मुख्यमंत्री समेत भाजपा के तमाम बड़े नेता डिनर करते रहे। सलूजा ने कहा कि अस्पताल में आग लगने के बाद भी भाजपा नेताओं का दिल नहीं पसीजा। सारे मंत्रीगण मुख्यमंत्री आवास में एक दूसरे को जीत की बधाई देते रहे।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बीती रात हमीदिया अस्पताल के कमरा नेहरू बिल्डिंग की तीसरी मंजिल पर चाइल्ड वार्ड में आग लग गई। आग की खबर लगते ही अस्पताल में हड़कंप मच गया। आनन फानन में दमकल की गाड़ियां अस्पताल पहुंचकर आग पर काबू पाने की कोशिश में जुट गईं। लगभग साढ़े तीन घंटे की मशक्कत के बाद रात करीब बारह बजे आग पर काबू पाया गया। लेकिन इस बीच चार बच्चे दम तोड़ चुके थे। 

अस्पताल में आग की खबर लगने पर चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग भी मौके पर पहुंचे थे। विश्वास सारंग ने मीडिया को बताया कि वार्ड में भर्ती चालीस बच्चों में से 36 बच्चों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। मृतक बच्चों के परिजनों को सरकार की तरफ से चार लाख रुपए अनुग्रह राशि के तौर पर देने की घोषणा हुई है।

प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी इस दर्दनाक घटना पर शोक प्रकट किया है। इसके साथ ही सीएम ने इस पूरी घटना की जांच के लिए एक उच्चस्तरीय कमेटी घटित करने का फैसला किया है। सीएम शिवराज ने कहा है कि लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के एसीएस मोहम्मद सुलेमान की अगुवाई में इस पूरी घटना की जांच की जाएगी। 

ताज़ा घटना ने भोपाल के इस सरकारी अस्पताल की लापरवाहियों की पोल खोलकर रख दी है। भोपाल का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल सात महीने बाद भी कोरोना के दौरान रेमेडेसिवीर इंजेक्शन की चोरी करनेवाले दोषियों को सजा नहीं दिला पाया। भोपाल का यह सरकारी अस्पताल तब भी विवादों के केंद्र में आया था जब यहां कोरोना काल में रेमडेसिविर इंजेक्शन की चोरी का मामला सामने आया था। अस्पताल से 850 इंजेक्शन की चोरी हो गयी थी। जिसकी वजह से अनेक कोरोना पीड़ितों को संकट का सामना करना पड़ा था। तब से जांच ठंडे बस्ते मे पड़ी है।