गिरीश गौतम होंगे मध्य प्रदेश विधानसभा के नए अध्यक्ष, विधानसभा पहुँचकर किया नामांकन

गिरीश गौतम रीवा के देवतालाब से विधायक हैं, रविवार को मुख्यमंत्री शिवराज चौहान और गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा के साथ विधानसभा पहुंचकर नामांकन किया, क़रीब एक साल से स्पीकर विहीन है विधानसभा

Updated: Feb 21, 2021, 05:15 AM IST

Photo Courtesy: Nai Dunia
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भोपाल। मध्य प्रदेश के नए विधानसभा अध्यक्ष का नाम आख़िरकार तय हो ही गया। रीवा के देवतालाब से बीजेपी के विधायक गिरीश गौतम ही राज्य के विधानसभा अध्यक्ष होंगे। सुबह क़रीब 10 बजे उन्होंने विधानसभा पहुँचकर नामांकन भी कर दिया। इस मौक़े पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा और चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग भी उनके साथ मौजूद रहे। मार्च 2020 में एनपी प्रजापति के पद से हटने के बाद से ही राज्य विधानसभा में कोई स्पीकर नहीं है।

गिरीश गौतम का नाम संगठन ने आगे बढ़ाया है। प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने तीन दिन पहले गिरीश गौतम को भोपाल बुलाकर मुलाकात की थी। गौतम विधानसभा के 18वें अध्यक्षा होंगे। वह 4 बार के विधायक हैं। बीजेपी सूत्रों ने बताया कि प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने शनिवार रात 8 बजे के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात कर विधानसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के संबंध में चर्चा की थी। विधानसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का चुनाव सोमवार 22 फरवरी को बजट सत्र के पहले दिन होना है। हालांकि विधानसभा में विधायकों की संख्या के हिसाब से दोनों पद बीजेपी के खाते में जाना लगभग तय ही है। 

गिरीश गौतम 1972 से छात्र राजनीति में सक्रिय रहे। 2003 में पहली बार विधायक बने। विधानसभा की लोक लेखा, महिला एवं बाल कल्याण, अजा-जजा तथा पिछड़ा वर्ग कल्याण समिति के सदस्य रहे। माध्यमिक शिक्षा मंडल एवं गृह तथा शिक्षा विभाग की सलाहकार समितियों के सदस्य रहे। 2008 में दूसरी बार विधायक बने। इस दौरान प्राक्कलन, विशेषाधिकार, सार्वजनिक उपक्रम समितियों के सभापति रहे। वर्ष 2013 में तीसरी बार विधायक बने। इस कार्यकाल में वे जवाहरलाल नेहरू कृषि विवि जबलपुर की प्रबंध सभा के सदस्य, उत्तर-मध्य रेलवे परामर्शदात्री समिति के सदस्य रहे। वर्ष 2018 में वे चौथी बार चुनाव जीत कर विधायक बने।

गिरीश गौतम के रूप में 17 साल बाद मध्य प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष विंध्य से होंगे। इससे पहले विंध्य के कद्दावर नेता श्रीनिवास तिवारी 9 साल 352 दिन विधानसभा के अध्यक्ष रहे। उनका दो बार का कार्यकाल तत्कालीन मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की सरकार के दौरान 24 दिसंबर 1993 से 11 दिसंबर 2003 तक रहा।