ग्वालियर में एक बार फिर लगे गोडसे जिंदाबाद के नारे, बापू के हत्यारे के महिमामंडन की शर्मनाक कोशिश

कट्टरपंथी संगठन हिंदू महासभा के ग्वालियर स्थित कार्यालय में नाथूराम गोडसे की बरसी पर पूजा अर्चना कर उसकी आरती उतारी। इतना ही नहीं हिंदू महासभा के कार्यकर्ताओं ने हत्यारे नाथूराम गोडसे की मूर्ति स्थापित करने का संकल्प लिया।

Updated: Nov 15, 2022, 01:57 PM IST

ग्वालियर। मध्य प्रदेश के ग्वालियर में एक बार फिर गोडसे जिंदाबाद की नारेबाजी हुई है। यहां कट्टरपंथी संगठन हिंदू महासभा के लोगों ने बापू के हत्यारे नाथूराम गोडसे के महिमामंडन की शर्मनाक कोशिश की। कांग्रेस ने इसकी तीखी आलोचना की है। 

हिंदू महासभा कार्यालय में दर्जनों पदाधिकारी और कार्यकर्ता पहुंचे और नाथूराम गोडसे की बरसी पर पूजा अर्चना कर आरती उतारी। साथ ही उन्होंने संकल्प लिया कि ग्वालियर में जल्द बापू के हत्यारे नाथूराम गोडसे की मूर्ति चौराहे पर स्थापित होगा।

बता दें कि 15 नवंबर को 1949 के दिन ही अंबाला की जेल में बापू के हत्यारे नाथूराम गोडसे को फांसी दी गई थी। हिंदू महसभा इस दिन को बलिदान दिवस के रूप में मनाती है। हिंदू महासभा ने गोडसे के बलिदान दिवस को मनाए जाने की घोषणा पूर्व में कर दिया था। लेकिन हैरानी की बात ये है कि प्रशासन ने रोकने का कोई प्रयास भी नहीं किया। हर साल की तरह ही इस साल भी मुट्ठीभर कट्टर लोग ग्वालियर में राष्ट्रपिता के खिलाफ नारेबाजी करते रहे लेकिन पुलिस-प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की।

यह पहली बार नहीं है जब ग्वालियर में इस तरह के आयोजन हुए हैं। हिंदू महासभा के लोग हर साल गांधी जयंती व अन्य मौकों पर इस तरह के शर्मनाक आयोजन करते हैं। साल 2017 तो यहां गोडसे का मंदिर स्थापित करने की भी कोशिश हो चुकी है। अब सवाल यह उठता है कि क्या महात्मा गांधी के देश में अब उनके हत्यारे गोडसे की गाथा गाई जाएगी? देश के स्वतंत्रता संग्राम का नेतृत्व करने वाले राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के हत्यारे का मंदिर बनाया जाएगा? सवाल यह भी है कि क्या मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार इस तरह की हरकतों को सही मानती है? अगर नहीं तो उसकी पुलिस की छत्र छाया में ऐसे कार्यक्रमों की इजाजत क्यों दी जाती है? 

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हत्या और हिंसा की विचारधारा को न सिर्फ जायज ठहराने, बल्कि उसके महिमामंडन की ऐसी शर्मनाक कोशिशें सरकार और प्रशासन द्वारा बार-बार नजरअंदाज किए जाने के कारण ही बार-बार की जाती हैं। जिस गोडसे को आज़ादी की लड़ाई के दौरान अंग्रेजों पर कभी गुस्सा नहीं आया, उसने देश की आज़ादी के महानायक और तमाम स्वतंत्रता सेनानियों के आदर्श बापू की हत्या कर दी। फिर भी कुछ लोग गलत जानकारियों के भ्रमजाल और नफरत की भावना में उलझकर हत्यारे को आदर्श बताने की भयंकर भूल करते हैं।