अरावली बचाने की जंग हुई तेज, राजस्थान के कई शहरों में पुलिस-प्रदर्शनकारी भिड़े

राजस्थान सीएम भजनलाल ने कहा कि आज लोग सेव अरावली की डीपी लगा रहे हैं। सिर्फ बदलने से काम नहीं चलता है। काम चलता है दृढ़ इच्छा शक्ति से।

Updated: Dec 22, 2025, 07:24 PM IST

जोधपुर। राजस्थान में अरावली पर्वत श्रंखला को बचाने की मुहिम तेज हो गई है। अरावली में खनन को मंजूरी के विरुद्ध सोशल मीडिया से लेकर सड़कों तक लोगों का आक्रोश देखने को मिल रहा है। सोमवार को राजस्थान के कई शहरों में पर्यावरण प्रेमियों ने विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान पुलिस और आमजन के बीच धक्कामुक्की भी हुई। 

कांग्रेस और सामाजिक संगठनों के लोगों ने उदयपुर कलेक्ट्रेट में जोरदार प्रदर्शन किया। इस दौरान पुलिस द्वारा प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज की गई। पुलिस ने कुछ कार्यकर्ताओं को अरेस्ट भी कर लिया। इसके बावजूद प्रदर्शकारी डिगे नहीं बल्कि अपनी मांगों को लेकर डटे रहे।

जोधपुर में एनएसयूआई कार्यकर्ता प्रदर्शन के दौरान बैरिकेड्स पर चढ़ गए। यहां भी पुलिस ने बलप्रयोग कर भीड़ को खदेड़ा। पुलिस द्वारा प्रदर्शनकारियों पर बर्बरतापूर्ण तरीके से लाठीचार्ज किया गया। उधर, सीकर में 945 मीटर ऊंचाई पर स्थित हर्ष पर्वत पर चढ़कर लोगो ने प्रदर्शन किया। यहां से पर्यावरण प्रेमियों ने एकजुट होकर अरावली बचाने की अपील की।

अलवर में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली के नेतृत्व में प्रदर्शन किया गया। टीकाराम जूली ने कहा कि राजस्थान के लिए अरावली फेफड़े के समान है। इस फैसले को वापस लेना होगा, नहीं तो कांग्रेस उग्र आंदोलन करेगी।

अरावली बचाने को लेकर चल रहे प्रदर्शन के बीच सीएम भजनलाल ने कहा कि आज लोग सेव अरावली की डीपी लगा रहे हैं। सिर्फ बदलने से काम नहीं चलता है। काम चलता है दृढ़ इच्छा शक्ति से। काम चलता है काम करने से। हमारे राजस्थान के भाई-बहनों को इस तरह मत बरगलाइए। हम आपको विश्वास दिलाते हैं कि, हम किसी भी तरह से अरावली के साथ छेड़छाड़ नहीं होने देंगे।

अरावली को बचाने के लिए हाड़ौती पर्यावरण संरक्षण समिति व चंबल बचाओ अभियान समिति ने कोटा में आंदोलन की चेतावनी दी है। आंदोलन की रूप रेखा तैयार करने को लेकर दोनों संगठनों ने मंगलवार को किशोर सागर तालाब स्थित बारादरी पर पर्यावरण प्रेमियों मीटिंग बुलाई है। चंबल बचाओ अभियान समिति के कुंदन चीता ने कहा कि 4 राज्यों की जीवन रेखा अरावली पर्वतमाला से चलती है। कोर्ट के फैसले के बाद 100 मीटर के नीचे वाले हिस्से को काटा जाएगा। हम पर्यावरण को उजड़ता हुआ नहीं देखना चाहते। देश का हर नागरिक व पर्यावरण प्रेमी इस बात से दुखी है। कोटा की धरती पर कल से आंदोलन का आगाज होगा।