बेलेश्वर मंदिर हादसे की सरकार ने पेश नहीं की जांच रिपोर्ट, 36 लोगों की मौत पर हाईकोर्ट ने मांगा जवाब

मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की इंदौर बेंच ने बेलेश्वर महादेव मंदिर हादसे पर जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए राज्य सरकार और मंदिर प्रबंधन से जवाब मांगा है।

Updated: Nov 29, 2023, 04:48 PM IST

इंदौर। इंदौर के पटेल नगर स्थित बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर में हुए बावड़ी हादसे को लेकर हाईकोर्ट ने सख्ती दिखाई है। उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार और बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर का प्रबंधन करने वाले ट्रस्ट से जवाब से 36 लोगों की मौत पर जवाब मांगा है। 

दरअसल, बेलेश्वर मंदिर हादसे की सरकार ने अभी तक रिपोर्ट पेश नहीं की है। न्यायमूर्ति विवेक रूसिया और न्यायमूर्ति अनिल वर्मा की पीठ ने मंगलवार को सुनवाई के दौरान राज्य सरकार को घटना की पुलिस जांच, मजिस्ट्रेट जांच और मामले में आरोप पत्र की स्थिति रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है। इंदौर के पूर्व पार्षद महेश गर्ग द्वारा दायर जनहित याचिका में दावा किया गया कि मंदिर बावड़ी पर अवैध रूप से बनाया गया था। इसमें मांग की गई कि सभी दोषियों की जिम्मेदारी तय की जाए और ऐसी दुर्घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए दिशानिर्देश जारी किए जाएं।

यह भी पढ़ें: लहार में पोस्टल बैलेट के साथ छेड़छाड़ हुई, भिंड कलेक्टर के तत्काल हटाएं, दिग्विजय सिंह ने CEC को लिखा पत्र

याचिका में केंद्रीय जांच ब्यूरो से जांच कराने और सीबीआई को भी प्रतिवादियों में से एक बनाने की मांग की गई, लेकिन खंडपीठ ने कहा कि उसे इस स्तर पर केंद्रीय एजेंसी को नोटिस जारी करने का कोई आधार नहीं मिला। याचिकाकर्ता के वकील मनीष यादव ने आरोप लगाया कि जांच ढीली और धीमी है। जब सरकार के वकील ने अदालत को बताया कि पीड़ितों के परिवारों को मुआवजा दिया गया है, तो न्यायाधीशों ने पूछा कि इसका भुगतान सरकारी खजाने से क्यों किया जाना चाहिए और क्या मुआवजे की राशि उस ट्रस्ट से वसूल की गई थी जो मंदिर का प्रबंधन करता था। सुनवाई की अगली तारीख 15 जनवरी 2024 है।

बता दें कि यह हादसा 30 मार्च 2023 को रामनवमी के दिन हुआ था। हवन-आरती कर रहे लोग बावड़ी की स्लैब धंसकने से 21 महिलाओं समेत 36 लोगों की मौत हो गई थी। इस घटना को लेकर बड़ी लापरवाही सामने आई है। इलाके के लोगों ने खुलासा किया है कि मंदिर प्रबंधन ने इस बावड़ी को भराव किए बगैर ही पैक कर ऊपर से गर्डर और फर्शियां डाल दीं। उसके बाद टाइल्स लगा दी थी।