मूंग खरीदी में हुए घोटाले की उच्च स्तरीय जांच कराए सरकार, दिग्विजय सिंह ने सीएम शिवराज को लिखा पत्र

नर्मदापुरम जिले के सोहागपुर में स्थित वेयरहाउस में 7346 क्विंटल मूंग की गुणवत्ता और मूल्य संबंधी गड़बड़ी सामने आई थी। इस मामले में अब उच्च स्तरीय जांच की मांग तेज हो गई है।

Publish: Aug 31, 2023, 07:13 PM IST

नर्मदापुरम। मध्य प्रदेश के नर्मदापुरम जिले में मूंग खरीदी में करोड़ों रुपए के घोटाले का खुलासा हुआ है। यहां एक वेयरहाउस में केंद्र प्रभारी और सर्वेयर ने मिलकर 7346 क्विंटल खराब गुणवत्ता वाली मिट्टी कचरे युक्त मूंग खरीदी थी। इस मूंग को 5.57 करोंड़ रुपए में खरीदा गया था। अब इस मामले में पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने उच्च स्तरीय जांच की मांग उठाई है। सिंह ने इस संबंध में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को पत्र लिखकर कहा है कि इस घोटाले की उच्चस्तरीय जांच कर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।

सीएम शिवराज को संबोधित पत्र में दिग्विजय सिंह ने लिखा है कि मध्य प्रदेश शासन के सोहागपुर स्थित वेयर हाउस में खराब मूंग की खरीद कर करोड़ो रुपए का घोटाला हुआ है। 7346 क्विंटल मूंग को 7755 रुपये प्रति क्विंटल की कीमत देकर खरीदा है लेकिन इस मूंग में मिट्टी और कचरा ही कचरा है। घोटाले की खबर सामने आने के बाद इस मामले में केवल दिखावटी कार्रवाई की गई है। 

नर्मदापुर जिले के एक समाचार पत्र में प्रकाशित खबर का हवाला देते हुए दिग्विजय सिंह ने कहा कि सरकार ने समर्थन मूल्य पर खरीदी में भ्रष्टाचार रोकने के लिए प्रायवेट कंपनियों को निगरानी और गुणवत्ता की जांच का जिम्मा दिया है। बावजूद इसके मूंग की खरीदी में यह घोटाला हुआ। और इसके बाद भी केवल एक ही वेयरहाउस पर दिखावे की कार्रवाई की गई। जबकि ऐसे 101 वेयरहाउसों में गड़बड़ी हुई है। 

पत्र में कांग्रेस नेता पुष्पराज सिंह पटेल और श्रीनारायण काबरा के बयान का जिक्र करते हुए दिग्विजय सिंह ने लिखा कि वेयरहाउसों से खराब मूंग के बोरे गायब कर दिये गए हैं ताकि प्रशासन की कार्रवाई से बचा जा सके। क्योंकि जिन वेयरहाउसों पर खरीदी की गई थी उनके संचालक सत्ताधारी पार्टी भाजपा से जुड़े हुए हैं।  

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से कार्रवाई की मांग करते हुए उन्होंन पत्र में लिखा है कि कि जिला विपणन अधिकारी ने जांच में 42 हजार क्विंटल मूंग अमानक पाई। यह एक बहुत बड़ा घोटाला है, इसकी राज्य स्तर के अधिकारियों की समिति से जांच कराई जाए। और इसके दोषियों पर एफ.आई.आर. दर्ज करने सख्त निर्देश दिए जाएं।