राज्यपाल ने पूछा- एमपी में शराब बंदी क्यों नहीं?
राज्य सरकार ने शराब ठेकेदारों को 27 मई तक शराब की दुकानें खोलने और शुल्क अदा करने का अल्टिमेटम दिया है। शराब दुकानें नहीं खोली गई तो फिर से नीलामी
मध्य प्रदेश में जहां एक ओर सरकार शराब दुकान खुलवाने के लिए हर संभव कदम उठा रही है वहीं राज्यपाल लालजी टंडन ने सरकार से पूछा है कि प्रदेश में शराब बंदी क्यों नहीं हो सकती है?
राज्यपाल ने प्रदेश में शराब बंदी पर यह प्रश्न उन्हें मिला एक ज्ञापन सरकार को भेजते हुए उठाया है। पिछले विधानसभा चुनावों के दौरान अस्तित्व में आई सपाक्स पार्टी के अध्यक्ष हीरालाल द्विवेदी ने 11 मई को राज्यपाल लालजी टंडन को पत्र भेज कर प्रदेश में शराब की बिक्री पर रोक लगाने की मांग की थी। राज्यपाल टंडन ने सपाक्स के राष्ट्रीय अध्यक्ष हीरालाल द्विवेदी द्वारा भेजे गए पत्र को गंभीरता पूर्वक लिया है। उन्होंने अपर मुख्य सचिव सामान्य प्रशासन विभाग को यह पत्र उचित कार्रवाई करने के लिए भेज दिया है। सरकार यदि राज्यपाल के पत्र का जवाब देगी तो उसे बताना पड़ेगा कि मध्य प्रदेश में शराब बंदी क्यों नहीं हो सकती है।
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गौरतलब है कि देश भर में कोरोना का प्रकोप जारी है। महामारी की वजह से देश के साथ साथ मध्य प्रदेश की अर्थव्यवस्था बेपटरी हो चुकी है। अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए भाजपा सरकार किसी तरह शराब बिक्री करवाना चाहती है। लेकिन शराब ठेकेदार अपनी मांगों पर अड़ेह हैं। एमपी लिकर एसोसिएशन और सरकार के बीच अपनी बात मनवाने के लिए जोर आजमाइश चल रही है। राज्य सरकार ने शराब ठेकेदारों को 27 मई तक शराब की दुकानें खोलने और ज़रूरी जमा शुल्क अदा करने का अल्टिमेटम दिया है। यदि 27 मई तक शराब की दुकानें नहीं खोली गई तो सरकार शराब के ठेकों की फिर से नीलामी किए जाने को लेकर विचार कर सकती है।