ब्लैक लिस्टेड समितियों को गेहूं खरीदी का जिम्मा देने पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक, राज्य सरकार से मांगा जवाब

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने अंतरिम आदेश जारी करते हुए ब्लैक लिस्टेड स्व-सहायता समितियों को समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी की जिम्मेदारी सौंपने पर रोक लगा दी है।

Updated: Apr 23, 2025, 10:46 AM IST

Photo Courtesy: DB
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जबलपुर| मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने अंतरिम आदेश जारी करते हुए ब्लैक लिस्टेड स्व-सहायता समितियों को समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी की जिम्मेदारी सौंपने पर रोक लगा दी है। चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस विवेक जैन की खंडपीठ ने इस मामले में राज्य शासन, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग, सिवनी कलेक्टर और जिला आपूर्ति अधिकारी समेत अन्य संबंधित पक्षों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।

यह आदेश सिवनी जिले के ग्राम बरेली पार निवासी अनीता उइके की याचिका पर आया, जिसकी ओर से अधिवक्ताओं सुशील मिश्रा और कंचन मिश्रा पांडे ने पक्ष रखा। याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया कि राज्य सरकार ने बीते वर्षों में समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी में भ्रष्टाचार रोकने के लिए महिला स्व-सहायता समूहों को जिम्मेदारी सौंपने का निर्णय लिया था।

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लेकिन इस वर्ष सिवनी जिला प्रशासन ने 25 मार्च 2025 को जारी आदेश में 20 ऐसी स्व-सहायता समितियों को गेहूं खरीदी की जिम्मेदारी दे दी जो पहले से ही ब्लैक लिस्टेड हैं और जिन पर लाखों रुपए की रिकवरी लंबित है। याचिका में आरोप लगाया गया कि जिन समितियों पर कोई आरोप नहीं हैं, उन्हें नजरअंदाज किया गया। शिकायतों के बावजूद प्रशासन द्वारा कोई कार्रवाई नहीं किए जाने पर यह याचिका दायर की गई।