CA परीक्षा परिणाम में मुरैना की नंदनी ने किया टॉप, भाई ने हासिल की 18वीं रैंक

ICAI ने सीए फायनल व फाउंडेशन परीक्षा (जुलाई) के जारी किए परिणाम, मुरैना की नंदनी अग्रवाल ने हासिल की ऑल इंडिया पहली रैंक, भाई सचिन अग्रवाल को मिली 18वीं रैंक

Publish: Sep 13, 2021, 01:56 PM IST

Photo Courtesy : Indian Express
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भोपाल। इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टेड अकाउंटेंट्स (ICAI) ने फायनल व फाउंडेशन परीक्षा(जुलाई) के परिणाम जारी कर दिए हैं। परिणामों में मध्य प्रदेश की भाई-बहन की जोड़ी ने बड़ी उपलब्धि हासिल की है। मुरैना की रहने वाली नंदनी अग्रवाल ने पूरे भारत में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। जबकि नंदनी के भाई सचिन अग्रवाल ने भी टॉप 20 में अपनी जगह बनाने में कामयाबी हासिल की है। सचिन की ऑल इंडिया 18 रैंक आई है।  

दोनों भाई-बहन ने मुरैना के विक्टर कॉन्वेंट स्कूल से पढ़ाई की है। दोनों ने वर्ष 2017 में बारहवीं पास की। हालांकि 19 वर्षीय टॉपर नंदनी अग्रवाल अपने भाई सचिन से दो वर्ष छोटी हैं। क्लास स्कीप करने के कारण नंदनी अपने भाई सचिन की कक्षा में आ गई थीं। 

नंदनी के पिता नरेश गुप्ता एक टैक्स प्रैक्टिशनर हैं जबकि मां डिंपल गुप्ता एक गृहणी हैं। नंदनी और उनके भाई सचिन ने सीए परीक्षा पास करने के लिए एक मूल मंत्र दिया है। दोनों का कहना है कि आईसीएआई का स्टडी मटेरियल परीक्षा की तैयारी में सबसे अधिक मददगार साबित होता है। उन्होंने भी स्टडी मटेरियल के हिसाब से ही पढ़ाई की थी।  

कोरोना काल ने भले ही कई अभ्यर्थियों की तैयारियों को प्रभावित किया लेकिन नंदनी और सचिन के लिए कोरोना काल परीक्षा की तैयारियों के लिहाज से काफी अच्छा रहा। दोनों को पढ़ाई करने और टॉपिक को रिवाइज़ करने के लिए और समय मिल गया।  

अपनी कामयाबी पर नंदनी ने प्रतिक्रिया देते हुए एक अंग्रेज़ी अखबार से कहा कि लड़कों की तुलना में लड़कियों को खुद को साबित करने के कम मौके मिलते हैं। अगर लड़कियां एक दो प्रयास में प्रतियोगी परीक्षाओं को पास नहीं कर पाती हैं, तो उन्हें आगे तैयारी करने से रोक दिया जाता है। लेकिन ऐसा लड़कों के साथ नहीं है। नंदनी ने इसके लिए अपने माता-पिता का धन्यवाद किया, जिन्होंने हमेशा नंदनी को अपनी लक्ष्य को प्राप्त करने में समर्थन किया। साथ नंदनी ने यह भी कहा कि मैं चाहती हूं कि चाहे वो लड़की हो या लड़का हर मां बाप अपने बच्चों को ऐसे ही सपोर्ट करें। 

वहीं नंदनी के भाई सचिन ने अपनी बहन के साथ बॉन्डिंग पर बात करते हुए कहा कि एक ऐसा समय भी था जब हम पागलों की तरह लड़ते रहते थे। लेकिन थोड़ी ही देर बाद हमरा झगड़ा भी खत्म हो जाता था। सचिन ने कहा कि मुझे खुद से ज़्यादा उम्मीद नहीं थी, अगर 70 फीसदी नंबर भी आते तो मैं संतुष्ट रहता लेकिन मुझे नंदनी की कामयाबी को लेकर पूरा भरोसा था। नंदनी यह कामयाबी डिज़र्व करती है। बहुत मामलों में वो मेरी मेंटर है।