इंदौर पुलिस ने दिग्विजय सिंह को शीतलामाता मंदिर जाने से रोका, सराफा थाने पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री

दिग्विजय सिंह ने कहा कि एक विधायक के समर्थक मुसलमानों को नौकरी न देने और उनके व्यापार बंद कराने की बात कह रहे हैं। क्या यह कानूनन अपराध नहीं है? पुलिस ने अब तक एफआईआर क्यों नहीं की?

Updated: Sep 27, 2025, 03:04 PM IST

इंदौर। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह इंदौर दौरे पर हैं। राज्य में बढ़ते सांप्रदायिक तनाव को लेकर उन्होंने इंदौर हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी। हालांकि, कोर्ट ने मामले की आज सुनवाई ना कर 10 नवंबर को तारीख दी है। इसके बाद सिंह शीतलामाता मंदिर की ओर बढ़े। लेकिन पुलिस ने उन्हें बीच रास्ते में ही रोक दिया।

दरअसल, पूर्व मुख्यमंत्री इंदौर में शीतलामाता बाजार में साम्प्रदायिक घृणा के पीड़ितों से मिलने की बात कही थी। पुलिस द्वारा रोकने पर उन्होंने कहा कि मैं शीतलामाता मंदिर में दर्शन करने जा रहा हूं। नवरात्रि में मुझे माता का दर्शन करने से क्यों रोका जा रहा है? पूर्व सीएम इसके बाद सराफा थाने पहुंचे।

बता दें कि भाजपा विधायक मालिनी गौड़ के बेटे एकलव्य गौड़ ने शीतलामाता बाजार के व्यापारियों को धमकाते हुए कहा था कि वे अपनी दुकानों से मुस्लिम कर्मचारियों को हटा दें। गौड़ ने 25 सितंबर तक का अल्टीमेटम दिया था। मुस्लिम व्यापारी और कर्मचारी इसका विरोध कर रहे हैं। 

इधर, इस चेतावनी का इंदौर के मार्केट में असर देखने को मिल रहा है। अधिकांश व्यापारियों ने अपने यहां काम करने वाले मुस्लिमों को हटा दिया है। इनका कहना है कि हम सेल्समैनों को निकालना नहीं चाहते, लेकिन निर्देशों का पालन कर रहे हैं। सदियों पुरानी एकता को खत्म किया जा रहा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक करीब डेढ़ सौ मुस्लिम परिवार इस धार्मिक घृणा के शिकार हुए हैं। 

दिग्विजय सिंह धार्मिक घृणा के पीड़ितों से मिलना चाहते थे। इसी कारण पुलिस ने उन्हें शीतलामाता बाजार की ओर नहीं जाने नहीं दिया। इंदौर में मीडिया से बातचीत के दौरान दिग्विजय सिंह ने कहा कि एक विधायक के समर्थक मुसलमानों को नौकरी न देने और उनके व्यापार बंद कराने की बात कह रहे हैं। दिग्विजय सिंह ने कहा, क्या यह कानूनन अपराध नहीं है और अगर है तो पुलिस ने अब तक एफआईआर क्यों नहीं की?

उन्होंने कहा कि लोग प्रदर्शन कर रहे हैं और कह रहे हैं कि उनका कसूर सिर्फ इतना है कि वे मुसलमान हैं। जो लोग ईमानदारी से व्यापार कर अपने परिवार का पालन-पोषण कर रहे हैं, उन्हें धमकाना पूरी तरह से गलत है और इसे किसी भी हाल में स्वीकार नहीं किया जा सकता।