विकास यात्रा पर निकली सरकार के दर्ज़ा प्राप्त मंत्री के बोल, बिना रिश्वत नहीं होता राजस्व का काम
जसवंत जाटव का वीडियो हो रहा सोशल मीडिया पर वायरल, पीसीसी चीफ के मीडिया सलाहकार ने पूछा, ख़ुद कितने में बिके थे

भोपाल। एक तरफ शिवराज सरकार और भाजपा पूरे प्रदेश में विकास यात्रा निकाल रही है तो वहीं दूसरी तरफ़ कभी सरकारी सिस्टम तो कभी ख़ुद उनका सरकारी अमला ही शिवराज सरकार में व्याप्त भ्रष्टाचार की पोल खोल कर रख दे रहा है। ताज़ा मामले में कैबिनेट मंत्री का दर्जा प्राप्त नेता ने ही भ्रष्टाचार को उजागर करते हुए कहा है कि सबके रेट फिक्स हैं।
शिवपुरी की करैरा से पूर्व विधायक व वर्तमान में कुक्कुट विकास निगम के अध्यक्ष जसवंत जाटव ने कहा है कि उनके क्षेत्र में कोई भी काम बिना रिश्वत के पूरा नहीं हो रहा है। वहीं उनके क्षेत्र की जनता को दर दर की ठोकरें खानी पड़ रही हैं।
जसवंत जाटव का एक वीडियो इस समय सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसमें वे लोगों को संबोधित करते हुए कह रहे हैं, अब मैं एक महत्वपूर्ण बात बताने जा रहा हूं। राजस्व विभाग, तहसीलदार हो, एसडीएम हो, चाहे उसके नीचे पटवारी या आरआई हो। पूरी गारंटी के साथ कह सकता हूं कि हमारी दोनों तहसील में कोई भी नामांतरण, बंटवारा या रजिस्ट्री बिना सुविधा शुल्क के नहीं हो रही है। हमारे क्षेत्र की जनता को उस चीज़ के लिए भटकना पर रहा है जो उनका अधिकार है।
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पीसीसी चीफ कमल नाथ के मीडिया सलाहकार पीयूष बबेले ने भाजपा नेता का वीडियो अपने ट्विटर हैंडल पर साझा किया है और तंज कसते हुए पूछा है कि मंत्री जी ने यह नहीं बताया कि कांग्रेस की सरकार गिराते समय वे ख़ुद कितने में बिके थे।
मध्य प्रदेश के कैबिनेट मंत्री (दर्जा प्राप्त) जसवंत जाटव के मुँह से सुनिए शिवराज सरकार के भ्रष्टाचार के काले कारनामे। एसडीएम तहसीलदार पटवारी सबके रेट फिक्स हैं।
— Piyush Babele||पीयूष बबेले (@BabelePiyush) February 6, 2023
मंत्री जी ने बस यह नहीं बताया कि वे ख़ुद कितने में बिके थे, जब कांग्रेस सरकार गिराई थी। pic.twitter.com/lk9efddWm4
दरअसल जसवंत जाटव कांग्रेस के उन 22 विधायकों में शामिल थे जिन्होंने सिंधिया को समर्थन देते हुए प्रदेश में कांग्रेस की निर्वाचित सरकार को गिराने में अहम भूमिका निभाई थी। 2020 के नवंबर में जब उपचुनाव हुए तब उन्हें बीजेपी का टिकट तो मिल गया लेकिन ख़ुद उनकी क्षेत्र की जनता ने कांग्रेस से की हुई गद्दारी का बदला जाटव को हरा कर ले लिया।