राष्ट्रपति जी, मप्र में असंवैधानिक सरकार...
राष्ट्रपति को पत्र लिख कर कांग्रेस नेताओं ने कहा है कि मप्र की शिवराज सरकार असंवैधानिक है। पत्र ट्वीट करते हुए तन्खा ने कहा है कि गलत बात पर चुप रहने का अर्थ है कि आप भी गलत के पक्षधर हैं।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और देश के जानेमाने अधिवक्ता कपिल सिब्बल और राज्यसभा सदस्य विवेक तन्खा ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिख कर कहा है कि मप्र की शिवराज सरकार असंवैधानिक है। सिब्बल और तन्खा ने अपने पत्र में कहा है कि एकमात्र सीएम की सरकार यानी बिना मंत्रिमंडल के एक आदमी की सरकार एक अकल्पनीय संवैधानिक व्यवस्था प्रतीत हो रही है। कोरोना जैसी महामारी के बावजूद मध्यप्रदेश में कैबिनेट विहीन सरकार प्रदेश की जनता के जीवन के लिये ख़तरा है। प्रदेश के 7.5 करोड़ लोगों के अधिकारों, विशेषाधिकारों और जीवन की रक्षा सुनिश्चित की जाना चाहिये। प्रदेश में बिना मंत्रिमंडल के मुख्यमंत्री के काम करने को असंवैधानिक है।
उन्होंने कहा है कि मप्र में कैबिनेट का गठन होना चाहिए, संवैधानिक प्रक्रिया के अनुसार सरकार अपना विश्वास मत सिद्ध करे तथा असंवैधानिक अध्यादेश क्रमांक 1 व 2, 2020 वापस लिए जाएं। यदि ये स्थितियां पूरी नहीं होती है तो आवश्यक होने पर मप्र में राष्ट्रपति शासन लगाया जाएं।
Letter jointly addressed by @Kapil Sibbal & me to HE President of India abt unconstitutional governance of MP- impacting our democratic fabric ,current health emergency & public adm. A wise quote “ if you witness a wrong & remain silent then you are equally privy to the wrong.” pic.twitter.com/v4DEO6iVVO
— Vivek Tankha (@VTankha) April 20, 2020
गौरतलब है कि इसके पहले 11 अप्रैल को भी सांसद तन्खा ने राष्ट्रपति के नाम पत्र लिखा था। इसमें संविधान के अनुच्छेद 163 का हवाला देते हुए तन्खा ने कहा था कि यद्यपि मुख्यमंत्री अकेले शपथ ले सकता है किन्तु जल्द ही मंत्रिपरिषद का गठन भी अनिवार्य है। मंत्रिमंडल के सहयोग अथवा सलाह पर राज्यपाल के नाम से सरकार का काम चलता है। बिना कैबिनेट के केवल मुख्यमंत्री के भरोसे सरकार चलना अकल्पनीय है और ये संविधान का मजाक है।