पुलिस प्रताड़ना के कारण ही हुई थी खरगोन में आदिवासी युवक की मौत, कांग्रेस ने की कार्रवाई की मांग

खरगोन के बिस्टान थाने में पुलिस कस्टडी में आदिवासी युवक बिसेन की मौत हो गई थी, इस मामले में पुलिस पर पीट पीटकर आदिवासी युवक की हत्या का आरोप लगा था, अब कांग्रेस नेता नरेंद्र सलूजा ने न्यायिक जांच का हवाला देते हुए दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की है

Publish: Dec 17, 2021, 07:22 AM IST

भोपाल। खरगोन के बिस्टान पुलिस थाने में कस्टडी के दौरान हुई आदिवासी युवक की मौत मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। न्यायिक जांच में इस बात की पुष्टि हुई है कि पुलिस प्रताड़ना के कारण ही आदिवासी युवक की मौत हुई थी। कांग्रेस ने न्यायिक जांच में हुए इस खुलासे के बाद दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है। इसके साथ ही शिवराज सरकार को आदिवासी युवक की हत्या का दोषी भी करार दिया है। 

कांग्रेस प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने आदिवासी युवक की मौत मामले में ट्वीट करते हुए कहा कि खरगोन के बिस्टान थाने में हुई आदिवासी युवक बिसन की मौत के मामले में न्यायिक रिपोर्ट व मानवाधिकार आयोग की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि युवक की मौत पुलिस की प्रताड़ना के कारण हुई थी। कांग्रेस नेता ने दोषियों व ज़िम्मेदार पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग करते हुए कहा है कि सीएम शिवराज को इस घटना के लिए माफी मांगनी चाहिए। कांग्रेस प्रवक्ता ने शिवराज सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि शिवराज सरकार आदिवासियों की हत्या की दोषी है।

दरअसल सितंबर महीने में खरगोन के बिस्टान थाने में आदिवासी युवक बिसेन की पुलिस कस्टडी में मौत हो गई थी। 35 वर्षीय बिसेन को चोरी के शक में खरगोन थाने लाया गया था। बिसेन के साथ साथ कुल बारह लोगों को पुलिस चोरी के संदेह में पुलिस थाने लाई थी। जहां उसकी बेरहमी से पिटाई की गई थी। अस्पताल ले जाने के बाद बिसेन की मौत हो गई थी।

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बिसेन की मौत होने के बाद ग्रामीणों ने जमकर बवाल मचाया था। ग्रामीणों के आक्रोश के बाद मामले ने जल्द ही तूल पकड़ लिया था। कांग्रेस नेता अरुण यादव ने इस संबंध में डीजीपी से मुलाकात कर दोषियों पर कार्रवाई की मांग भी की थी। वहीं भारी दबाव के बाद शिवराज सरकार ने खरगोन एसपी को हटाकर जांच के आदेश दे दिए थे। इस मामले में चार पुलिसकर्मियों को निलंबित भी किया गया था।