कोरोना के खौफ के बीच विस सत्र, कलयुग है

कोरोना वायरस के खौफ के बीच मध्य प्रदेश में सत्ता पाने का खेल खेला गया और अब विधानसभा सत्र बुला लिया गया। कांग्रेस नेताओं ने कर्फ़्यू के बीच बहुमत सिद्ध करने को कलयुग कहा है।

Publish: Mar 24, 2020, 10:00 PM IST

CM shivraj singh with gopal bhargav and suhas bhagat
CM shivraj singh with gopal bhargav and suhas bhagat

भोपाल।

राजनीति कुछ नहीं देखती। न जनता का हित न कोरोना जैसी महामारी के खतरा। एक तरफ जब देश भर में आर्थिक हालात बिगड़े हुए थे, कोरोना जैसी स्‍वास्‍थ्‍य आपदा का खतरा मंडरा रहा था तब मप्र की जनता की चुनी हुई सरकार को अस्थिर करने की साजिश बुनी गई। जनता के कष्‍टों से बेपरवाह राजनेता अब कोरोना से बचाव के लिए लॉक डाउन और कर्फ्यू को तोड़ कर विधानसभा सत्र आयोजित कर रहे हैं। मकसद केवल एक ही है अपनी राजनीति साधना।

भोपाल सहित प्रदेश के डेढ़ दर्जन से अधिक जिलों में लॉक डाउन के बीच शिवराज सिंह चौहान ने 23 मार्च की रात 9 बजे शपथ ली। इसके बाद मंत्रालय में बैठक कर कोरोना से निपटने की तैयारियों की समीक्षा की। उसके तुरंत बाद ही विधानसभा सत्र की अधिसूचना जारी कर दी गई। इससे पहले विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति ने 16 मार्च को कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए 26 मार्च तक के लिए विधानसभा को स्थगित कर दिया था। शपथ ग्रहण के बाद देर रात जारी अधिसूचना के अनुसार यह सत्र 27 मार्च तक चलेगा। 4 दिन चलने वाले इस सत्र में कुल 3 बैठकें होंगी। मंगलवार से शुरू हो रहे सत्र के पहले ही दिन भाजपा सरकार सदन में विश्वास मत पेश करेगी। इस दौरान वित्तीय वर्ष 2020-21 का लेखानुदान भी पेश किया जाएगा। इस बीच सत्र शुरू होने से पहले विधानसभा स्पीकर नर्मदा प्रसाद प्रजापति ने आधी रात को ही स्पीकर पद से इस्तीफा दे दिया है।

 

 

कर्फ्यू के बीच विधानसभा, यकीन नहीं होता

राज्‍यसभा सदस्‍य विवेक तन्‍खा ने सरकार की इस जल्‍दी पर ट्वीट कर कहा कि कर्फ्यू के मध्य विधान सभा का सत्र भोपाल में 24 से 27 मार्च। सुन के भी यक़ीन नहीं होता। बीते 2 हफ़्ते लोक स्वस्थ की गम्भीरता की जगह हमारे जनसेवक भोपाल , बेंगलुरु और दिल्ली में सत्ता परिवर्तन में व्यस्थ थे। अब सत्ता पाकर कर्फ़्यू के मध्य बहुमत सिद्ध करने में। #कल युग इसे कहते है।

 

 

इससे पहले राज्‍यसभा सदस्‍य दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर भाजपा में शामिल हुए पूर्व स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री तुलसीराम सिलावट पर तंज कसा था कि पूर्व स्वास्थ मंत्री सिलावट मप्र में कोरोना वायरस से लड़ने के बजाय बेंगलुरु के रिसोर्ट में आराम फरमा रहे थे। धनबल जीत गया जन बल हार गया। उन्हें आईना दिखाने का समय आ गया है।