छत्तीसगढ़ में मुर्दे खा रहे थे सरकारी राशन, 28 हजार मृत लोगों को नाम हटाए गए
सांख्यिकी विभाग के आंकड़ों के अनुसार पिछले तीन साल में 32 हजार 278 लोगों का मृत्यु पंजीयन हुआ है, जबकि खाद्य विभाग ने महज 28 हजार नाम ही डिलीट किए हैं।

सरगुजा। छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले में मृत लोगों के नाम पर राशन उठाने का मामला सामने आया है। जिले में आम लोगों को जहां राशन के लिए मशक्कत करनी पड़ रही है, वहीं चौंकाने वाली बात यह है कि मृत लोगों के नाम पर भी राशन उठाया जा रहा है। मामला सामने आने के बाद यहां 28 हजार मृत लोगों के नाम राशन कार्ड से हटाए गए हैं।
यह मामला तब सामने आया जब जांच में पाया गया कि कई ऐसे लोग, जिनका निधन हो चुका है, उनके नाम अब भी राशन कार्ड में दर्ज हैं और उनके नाम पर हर महीने राशन लिया भी जा रहा है। सरगुजा जिले में मृत्यु के बाद भी लोगों के नाम राशन कार्ड से नहीं कट पाए हैं, ऐसे में नॉमिनी सुविधा वाले राशन कार्डों में व्यक्ति की मौत के बाद भी राशन लिया जा रहा है। सरकार ने बुजुर्ग या असहाय व्यक्तियों के परिजन या पड़ोसी को राशन उठाने के लिए नॉमिनी बनाने की सुविधा दी है, लेकिन अब लोग इसी सुविधा का दुरुपयोग कर रहे हैं।
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रिपोर्ट्स के मुताबिक सरगुजा जिले में करीब 14 प्रतिशत ऐसे राशन कार्ड धारी हैं, जो अपना केवाईसी अपडेट नहीं करा रहे हैं। जाहिर है कि केवाईसी अपडेट ना होने के कारण मृत लोगों का भी अपडेट खाद्य विभाग तक नहीं पहुंच पा रहा है। विभाग भी इस समस्या से परेशान हैं और नागरिकों से अपडेट कराने की अपील कर रहा है लेकिन राशन कार्ड धारी अपील को ध्यान नहीं दे रहे हैं।
जिले के खाद्य अधिकारी चित्रकांत ध्रुव ने बताया कि इस समस्या के समाधान के लिए विभाग ने 6 महीने से गांव के सरपंच और सचिव से मृत लोगों के प्रमाण पत्र लेना शुरू किया है और उसके आधार पर बीते तीन वर्षों में मृत करीब 28 हजार लोगों के नाम राशन कार्ड से डिलीट किए हैं। पिछले 5-6 महीने से बेनिफिशरी वेरिफिकेशन के लिए केवाईसी अपडेट करने का काम चल रहा है उसमें ये पाया गया है कि कुछ हितग्राही जिनके नॉमिनी कराए गए थे, उनके नॉमिनी राशन ले रहे हैं। जांच में लगभग 28 हजार 450 हितग्राही नहीं हैं।
योजना एवं सांख्यिकी विभाग के आंकड़ों के अनुसार पिछले तीन साल में 32 हजार 278 लोगों का मृत्यु पंजीयन हुआ है, जबकि खाद्य विभाग ने महज 28 हजार नाम ही डिलीट किए हैं। मतलब अब भी करीब 4 हजार मृत लोग ऐसे हैं, जिनकी मौत के बाद भी उनका नाम राशन कार्ड से नहीं काटा जा सका है।