मध्यप्रदेश: कोरोना की रोकथाम के लिए होगी नर्सिंग के छात्रों की तैनाती, 20 हजार रुपये तक दिया जाएगा वेतन

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन मध्यप्रदेश ने सभी कलेक्टरों को आदेश जारी किए, दो महीने तक के लिए अस्थायी तौर पर रखा जा सकेगा।

Updated: May 02, 2021, 10:50 AM IST

Photo courtesy: bhaskar
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भोपाल। मध्य प्रदेश में कोरोना संक्रमण लगातार बढ़ रहा है। कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए सरकार अब निजी बीएससी नर्सिंग, जीएनएम में प्रशिक्षण केंद्रों की अंतिम वर्ष की छात्राओं की मदद ली लेने जा रही है। इस संबंध में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन मध्यप्रदेश ने सभी जिला कलेक्टर और सभी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को पत्र जारी कर दिया है। उन्हें 20 हजार रुपये प्रतिमाह वेतनमान दिया जाएगा।

इसमें कहा गया है कि कोरोना महामारी एवं नियंत्रण के लिए समय-समय पर जारी किए गए विभिन्न परिपत्रों के माध्यम से अस्थायी मानव संसाधन एवं नर्स स्टाफ को निश्चित समय अवधि के लिए रखने की अनुमति दी गई है। इसके माध्यम से शासकीय बीएससी नर्सिंग, जीएनएम प्रशिक्षण केंद्रों की अंतिम वर्ष की छात्राओं का आकस्मिक पदस्थ जिला ग्वालियर, उज्जैन, रीवा, कटनी, विदिशा एवं बैतूल में की जाएगी।

 विभिन्न जिलों में बीएससी नर्सिंग, जीएनएम उत्तीर्ण एवं नर्सिंग काउंसिल पंजीकृत उम्मीदवार उपलब्ध नहीं होने से वर्तमान में अस्थायी स्टाफ नर्स की पूर्ति करना संभव नहीं हो पा रहा है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा निर्णय लिया गया है कि यदि स्टाफ नर्स उपाधि धारक आवेदक प्राप्त नहीं हो रहे हैं, उस स्थिति में निजी नर्सिंग कालेज में बीएससी नर्सिंग, जीएनएम पढ़ाई कर रहीं अंतिम वर्ष की छात्राओं को भी कोरोना की जड़ी तोड़ने के लिए अस्थायी मानव संसाधन के रूप में 30 जून 2021 तक नियुक्ति दी जा सकेगी। उन्हें प्रति माह 20 हजार रुपए तक वेतन दिया जा सकता है।