छत्तीसगढ़ की राह पर मध्य प्रदेश : शराब की होम डिलीवरी करने की तैयारी में शिवराज सरकार

नई आबकारी नीति में शराब की होम डिलीवरी का प्रस्ताव, भोपाल, इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर से शुरू करने की तैयारी, मोबाइल ऐप का भी जिक्र किया गया है।

Updated: May 12, 2021, 08:28 AM IST

Photo courtesy: patrika
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भोपाल। मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमण की वजह से लॉकडाउन लगा है। लॉकडाउन के दौरान शराब बिक्री पर प्रतिबंध लगा हुआ है। ऐसे में शासन को बड़ी राजस्व हानि का सामना करना पड़ रहा है। छत्तीसगढ़ की तर्ज पर अब मध्य प्रदेश सरकार भी शराब की होम डिलीवरी पर विचार कर रही है। आबकारी विभाग ने शराब की होम डिलीवरी का प्रस्ताव कैबिनेट में मंजूरी के लिए भेजा है। इसे भोपाल, इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर से शुरू करने की तैयारी है। हालांकि इस प्रस्ताव को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पुनर्विचार के लिए कैबिनेट के पास वापस भेजा है।

बता दें छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार पिछले दिनों जब शराब की होम डिलीवरी का फैसला लिया था तो शिवराज सरकार ने इसकी खूब आलोचना की थी। मंत्रालय सूत्रों के मुताबिक वर्ष 2020-21 के लिए आबकारी नीति में विदेशी शराब की ऑनलाइन बिक्री का प्रस्ताव बनाया गया है। नई नीति एक अप्रैल से लागू होने वाली थी, लेकिन सरकार ने कोरोना महामारी के चलते मौजूदा ठेकों को दो माह के लिए 5% लाइसेंस फीस बढ़ाकर जारी रखा है। नीति के तहत शराब की दुकानें बढ़ाने का प्रस्ताव भी था, लेकिन विपक्ष के विरोध के बाद सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा था कि नई शराब दुकानें नहीं खोली जाएंगी।

ऑनलाइन शराब बेचने के लिए विभाग ने खास प्लान तैयार कर लिया है। प्रस्ताव में छत्तीसगढ़ की तर्ज पर नए सिस्टम को संचालित करने के लिए मोबाइल ऐप बनाने का उल्लेख भी किया गया है। इसी के जरिए दुकान संचालक को ऑर्डर होगा। खरीदने वाले को मतदाता परिचय पत्र, आधार कार्ड आदि पहचान पत्र के माध्यम से सत्यापन करने के बाद ऐप पर रजिस्टर्ड किया जाएगा। 21 वर्ष से कम आयु के व्यक्ति का रजिस्ट्रेशन नहीं होगा। ऐप पर उपभोक्ता के निवास स्थान से पास की दुकानों में शराब के स्टॉक और दर की सूची प्रदर्शित होगी।

नई आबकारी नीति के पीछे आबकारी विभाग का तर्क है कि इससे न सिर्फ खपत में वृद्धि होगी बल्कि वैध शराब की उपलब्धता सुनिश्चित होगी। हालांकि इस नीति पर शिवराज कैबिनेट ने कोई विचार नहीं किया है। मंगलवार को हुई बैठक में अगले 10 माह के लिए लाइसेंस फीस 5% बढ़ाकर ठेका रिन्यू करने का प्रस्ताव भी फिलहाल टाल दिया गया है।