MP में पिछले महीने हुई 1 लाख 64 हजार लोगों की मौत, सामान्य औसत से 2000 फीसदी ज्यादा मौतें
CRS रिपोर्ट में हुआ चौंकाने वाला खुलासा, राज्य में हुई कोविड-19 से मौत की सरकारी आंकड़ों से 40 गुना ज्यादा मौत दर्ज, पिछले साल जनवरी से मई की तुलना में इस साल 1 लाख 90 हजार ज्यादा मौतें

भोपाल। मध्यप्रदेश में कोरोना की दूसरी लहर ने कितना कहर बरपाया है इस बात का अंदाजा CRS रिपोर्ट के सरकारी डेटा से लगाया जा सकता है। जन्म मृत्यु का हिसाब रखने वाले सीआरएस के मुताबिक इस साल केवल मई महीने में मध्यप्रदेश में करीब 1 लाख 64 हजार 348 लोगों की मौत हुई है। अप्रैल-मई 2021 में कोविड-19 से हुई मौतों के सरकारी आंकड़ों से 40 गुना अधिक मौतें दर्ज हुई हैं।
सीआरएस रिपोर्ट के मुताबिक, राजधानी भोपाल में अप्रैल-मई 2019 में 528 मौतें हुई थी, 2020 में इसकी संख्या 1204 थी, लेकिन साल 2021 में कोरोना की दूसरी लहर के बीच कुल 11045 लोगों की मौतें हुई हैं। सामान्य दिनों में होने वाली मौतों से यह दो हजार फीसदी ज्यादा है। पूरे प्रदेश में सबसे ज्यादा मौत इंदौर में हुई है। यहां अप्रैल-मई 2021 में 19 हजार लोगों की जान गई है।
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रिपोर्ट के मुताबिक अप्रैल-मई 2021 में कोविड-19 से जितनी मौतें सरकारी आंकड़ों के अनुसार हुई है, वास्तविक मौतों की संख्या उससे 40 गुना ज्यादा है। हालांकि, ये नहीं कहा जा सकता कि ये सभी लोग कोरोना से ही मरें हैं। इस साल जनवरी से मई के बीच पिछले साल की तुलना में 1.9 लाख ज्यादा मौतें हुई हैं। मध्यप्रदेश में मई 2019 में महज 31 हजार और मई 2020 में महज 34 हजार जानें गईं थीं। राज्य सरकार के मुताबिक जनवरी से मई 2021 के बीच सिर्फ 4,461 कोविड मौतों हुई है। हालांकि, सीएसआर रिपोर्ट ने सरकारी दावों पर प्रश्नचिन्ह खड़ा कर दिया है।
CRS की रिपोर्ट सामने आने के बाद प्रदेशभर में हड़कंप मच गया है। पीसीसी चीफ कमलनाथ ने इन मौतों का जिम्मेदार राज्य सरकार को ठहराया है। कमलनाथ ने कहा है कि, 'शिवराज जी आप कमलनाथ को बदनाम कर सकते हैं, लेकिन सत्य को मिटा नहीं सकते। जनवरी से मई 2019 की तुलना में 2021 में 1.9 लाख ज्यादा लोगों की मृत्यु हुई, इन मौतों का जिम्मेदार कोरोनावायरस और आपकी सरकार के अलावा और कोई नहीं है।'
शिवराज जी आप कमलनाथ को बदनाम कर सकते हैं, लेकिन सत्य को मिटा नहीं सकते।
— Office Of Kamal Nath (@OfficeOfKNath) June 12, 2021
जनवरी से मई 2019 की तुलना में 2021 में 1.9 लाख ज्यादा लोगों की मृत्यु हुई, इन मौतों का जिम्मेदार कोरोनावायरस और आपकी सरकार के अलावा और कोई नहीं है।
राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने भी राज्य सरकार को कठघरे में खड़ा किया है। सिंह ने ट्वीट किया, 'जब कमलनाथ जी ने मध्यप्रदेश में कोरोना से मरने वालों की संख्या 1 लाख से अधिक बताई थी तब भाजपा व शिवराज जी को कड़ी आपत्ति हुई थी। अब जब 1.7 लाख लोगों की मौत के समाचार प्रमाणित हुए हैं तो भाजपा व शिवराज मौन हैं। कॉंग्रेस अब पूरे प्रदेश के आँकड़े एकत्रित कर रही है।' दरअसल, पूर्व सीएम ने पूर्व में दावा किया था कि राज्यभर में अप्रैल में डेढ़ लाख मौतें हुई। लेकिन उनके इस बयान के बाद सरकार ने उन्हीं के खिलाफ एफआईआर कर दी थी।
क्या है CRS?
सिविल रजिस्ट्रेशन सिस्टम यानी सीआरएस के तहत ऑफिस ऑफ रजिस्ट्रार जनरल इंडिया देशभर में हुई जन्म और मृत्यु का हिसाब रखता है। इसके लिए सभी राज्य सरकारों को खुद सीआरएस पर जन्म और मृत्यु का डेटा जमा करना होता है। भारत में 86 फ़ीसदी और मध्य प्रदेश में 80 फ़ीसदी मौतें यहां दर्ज की जाती हैं। सिर्फ सीआरएस का ऑल कॉज मोर्टेलिटी डाटा ही एक्स्ट्रा मौतों की संख्या का सही अनुमान देता है। हर मौत का रिकॉर्ड रखता है। चाहे मौत कहीं भी और किसी भी कारण से मौत हुई हो।