सामूहिक विवाह पर लगी रोक तो शादी के जोड़े में कलेक्टोरेट पहुंचे वर-वधु, परिसर में ही डाली वरमाला

कोरोना गाइडलाइंस का पूरी तरह से पालन करते हुए सिर्फ चार लोगों की मौजूदगी में वर-वधु ने रचाई शादी, सरकारी अफसर बने गवाह, 11 हजार रुपए एसडीएम को दिया

Updated: Apr 29, 2021, 12:46 PM IST

छिंदवाड़ा। मध्ययप्रदेश में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए तमाम तरह के आयोजनों पर प्रतिबंध लगाए गए हैं। राज्य के कई जिलों में विवाह कार्यक्रम पूरी तरह से प्रतिबंधित हैं वहीं कई जिलों में महज 10-12 लोगों के साथ विवाह की अनुमति है। ऐसे में विवाह वाले घरों के तैयारियों पर पानी फिर गया है। इसी बीच छिंदवाड़ा के एक जोड़े में एक ऐसा विवाह किया है जो पूरे इलाके की सुर्खियां बनी हुई है।

छिंदवाड़ा के हिमांशु बरमैया और रुपाली बरमैया का विवाह कार्यक्रम 28 अप्रैल को तय किया गया था। इसी बीच जिला कलेक्टर ने आदेश जारी कर सिर्फ 10 लोगों को विवाह जैसे कार्यक्रमों में शामिल होने का अनुमति दिया। इस आदेश के बाद अन्य घरों की तरह बरमैया परिवार ने शादी को टालने के बजाय दो कदम आगे बढ़कर एक सकारात्मक मिसाल पेश किया जिसका चौतरफा स्वागत किया जा रहा है।

विवाह में खर्च होने वाले पैसे इलाज के लिए दिए

दरअसल, दोनों वर-वधु तय तारीख पर शादी के जोड़े में छिंदवाड़ा कलेक्टरेट परिसर पहुंच गए। यहीं उन्होंने एक दूसरे को माला पहनाकर सात जन्मों तक साथ निभाने की कसमें खाई। इतना ही नहीं विवाह में खर्च होने से जो पैसे बच गए उनमें से 11 हजार रुपए कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए एसडीएम को दिया। छिंदवाड़ा एसडीएम ने दूल्हा-दुल्हन के इस प्रयास की सराहना भी की।

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विवाह के दौरान वर-वधू के माता पिता के अलावा दो अन्य लोग ही उपस्थित थे। हालांकि, कलेक्टोरेट के सभी अधिकारी-कर्मचारी इस अनोखे विवाह के गवाह बने। छिंदवाड़ा के इस युगल की चर्चाएं अब प्रदेशभर में हो रही। बता दें कि इसी हफ्ते मध्यप्रदेश के रतलाम में भी एक अनोखी शादी का मामला सामने आया था जहां कोरोना संक्रमित दूल्हे ने पीपीई किट पहनकर विवाह कर लिया था।