होशंगाबाद में गौवंश की दुर्दशा, भूख प्यास से तड़पकर हुई 9 गायों की मौत, शव उठाने वाला तक नहीं

मध्यप्रदेश के होशंगाबाद जिले के हथानापुर गौशाला में कर्मचारी ने छोड़ा काम, चार दिनों तक पानी देने वाला कोई नहीं, 9 गायों ने तोड़ा दम

Updated: Jun 18, 2021, 01:48 PM IST

होशंगाबाद। मध्यप्रदेश के होशंगाबाद जिले से गौमाता की दुर्दशा की खौंफनाक तस्वीरें सामने आई है। यहां एक गौशाला में 9 गायों ने भूख प्यास से तड़प-तड़पकर दम तोड़ दिया। गायों को चार दिनों तक भूसा और पानी नहीं दिया गया था। हैरानी की बात यह है कि गौमाता के शवों को उठाने भी कोई नहीं आया, नतीजतन कुत्तों और पक्षियों ने शवों को नोच डाला।

रिपोर्ट्स के मुताबिक मामला होशंगाबाद के जिले की सिवनी मालवा तहसील के हथानापुर में स्थित श्रीद्दाजी गोसेवा सदन एवं जीवदया केन्द्र समिति गोशाला का है। स्थानीय लोगों के मुताबिक गौशाला में काम करने वाला कर्मचारी गोविंद काम छोड़कर चला गया था। इस बात की जानकारी गौशाला संचालक सुजीत गौर को थी, बावजूद उसने किसी दूसरे व्यक्ति को काम पर नहीं लगाया।

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कर्मचारी के जाने के बाद गौशाला में रहने वाले करीब 150 से ज्यादा गायों का देखभाल करने वाला कोई नहीं था। इस दौरान गायों को चारा तो दूर चार दिनों तक इस भीषण गर्मी में पीने के लिए पानी भी नसीब नहीं हुई। अंततः गायों और बछड़ों को मिलाकर 9 पशुओं ने ने भूख प्यास से तड़पकर मौत हो गई। गौशाला में गायों के मरने के बाद कोई शवों का सुध लेने तक नहीं आया। 

हालत ये हुई कि गौशाला में यहां-वहां पड़े शवों को कुत्तों और पक्षियों ने नोच डाला, जिससे अधिकांश शव क्षत-विक्षत हो गए। इतना ही नहीं इस बीच बारिश होने की वजह से गायों के शव जमीन में धंस गए। गौशाला में गायों की स्थिति को लेकर सोशल मीडिया पर जब वीडियो वायरल हुआ तब जाकर पशु विभाग की नींद खुली और जिम्मेदार के खिलाफ कार्रवाई की गई। पुलिस पशु क्रूरता अधिनियम के तहत संचालक का रजिस्ट्रेशन रद्द करने की कार्रवाई कर रही है।

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मामले पर गौशाला संचालक सुजीत गौर ने अजीबोगरीब स्पष्टीकरण दिया गया है। गौर का आरोल है कि गौशाला समिति के अध्यक्ष पद से हटाने के लिए कुछ लोग साजिश रच रहे। मृत गायों को लेकर उन्होंने कहा कि वे गौशाला के नहीं हैं, बल्कि उन्हें किसी ने जंगल से लेकर गौशाला में रखा गया है। यह वाकई हैरान करने वाली स्थिति है कि जिस राज्य में गौ वंश की उत्थान करने के गौ कैबिनेट हो वहां गौमाता की यह दुर्दशा है।