पचमढ़ी में बंदरों का आतंक, एक महीने में 60 से ज्यादा सैलानियों पर हमला, नोटों से भरा बैग लेकर भागे
शुक्रवार को ही पचमढ़ी के बाजार में टूरिस्ट की गाड़ी से बंदर 1 लाख रुपए से भरा बैग ले भागा। टूरिस्ट बंदर के पीछे दौड़े, लेकिन बंदर एक मकान की छत पर जाकर बैठ गया।
पचमढ़ी। नर्मदापुरम के हिल स्टेशन पचमढ़ी में बंदरों ने आतंक मचा रखा है। यहां टूरिस्ट्स पर बंदरों के अटैक के मामले नहीं थम रहे हैं। पिछले एक महीने में 60 से ज्यादा टूरिस्ट्स बंदरों के काटने पर अस्पताल पहुंच चुके हैं। जबलपुर की एक युवती को तो हाथ में इतना गहरा काटा कि डॉक्टरों को पैर की चमड़ी काटकर हाथ पर लगाना पड़ी। युवती को शुक्रवार को अस्पताल से छुट्टी दी गई।
शुक्रवार को ही पचमढ़ी के बाजार में टूरिस्ट की गाड़ी से बंदर 1 लाख रुपए से भरा बैग ले भागा। टूरिस्ट बंदर के पीछे दौड़े, लेकिन बंदर एक मकान की छत पर जाकर बैठ गया। दूसरे लोग भी इकट्ठा हो गए। बंदर को लगा कि बैग में खाने-पीने की चीजें होंगी। बैग में खाने की कोई वस्तु नहीं मिली तो बंदर ने बैग में रखे 500-500 रुपए के नोट की गड्डी निकाली और छत पर ही बिखेर दिए। बाद में लोगों ने नोट और बैग उठाकर टूरिस्ट को लौटाए।
जबलपुर की दीपा चौधरी एक हफ्ते पहले पचमढ़ी घूमने पहुंची थी। हांडी एरिया में उनको बंदर ने हाथ में काट लिया, जिससे नसें डैमेज हो गईं। शुरुआती इलाज पचमढ़ी में हुआ। दूसरे दिन जबलपुर के मेट्रो हॉस्पिटल में एडमिट हुईं। उनके हाथ की सर्जरी की गई है।
डेढ़ घंटे चले ऑपरेशन के बाद कटी हुई जगह पर नसों को जोड़ा गया। पैर की चमड़ी निकाल कर कटी हुई जगह पर लगाई गई। दीपा का कहना है कि ऑपरेशन और अस्पताल को मिलाकर अब तक 1.25 लाख रुपए खर्च हो चुके हैं। हाथ पूरी तरह ठीक होने में महीनों लगेंगे।