कोरोना काल में खुले 60 अस्पतालों के रजिस्ट्रेशन निरस्त, इंदौर के 35 अस्पतालों की जांच शुरू

कोरोना काल में मरीजों के इलाज के लिए प्रदेश भर में अस्पतालों को खोलने की अनुमति तो दे दी गई, लेकिन शिवराज सरकार ने अब खुद इन्हीं अस्पतालों के रजिस्ट्रेशन निरस्त कर दिए हैं, प्रदेश भर में 60 अस्पतालों के रजिस्ट्रेशन निरस्त कर दिए गए हैं

Publish: Sep 04, 2021, 05:55 AM IST

प्रतीकात्मक तस्वीर
प्रतीकात्मक तस्वीर

भोपाल। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान इलाज के लिए शिवराज सरकार ने जल्दबाजी में प्रदेश भर में अस्पतालों को संचालन की अनुमति तो दे दी। लेकिन अब जब ये अस्पताल तय मापदंडों पर खरे नहीं उतरे, तब शिवराज सरकार ने ऐसे 60 अस्पतालों के रजिस्ट्रेशन निरस्त कर दिए। वहीं इंदौर में भी ऐसे 35 अस्पतालों की जांच शुरू कर दी गई है। 

शुक्रवार को स्वास्थ्य आयुक्त आकाश त्रिपाठी ने इंदौर में समीक्षा बैठक की। इसके बाद मीडिया से चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि ऐसे प्रकरण सामने आए हैं, जहां एक ही डॉक्टर कई अस्पतालों में काम कर रहा है। त्रिपाठी ने मीडिया से कहा कि सरकार नर्सिंग होम एक्ट में संशोधन करने पर विचार कर रही है। जिन अस्पतालों में सुविधाएं होंगी, सिर्फ उन्हें ही संचालन की अनुमति दी जाएगी। 

स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी ऐसे अस्पतालों की जांच में जुट गए हैं, जिन्हें खुद शिवराज सरकार ने जल्दबाजी में संचालन की अनुमति तो दे दी लेकिन ये अस्पताल सरकार की निर्धारित शर्तों को ही पूरा नहीं कर पा रहे। प्रदेश के लगभग हर ज़िले में ऐसे अस्पताल मौजूद हैं। 

वहीं दूसरी तरफ प्रदेश में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों ने भी चिंता बढ़ा दी है। बीते 24 घंटों में प्रदेश भर में कोरोना संक्रमण के 18 नए मामले दर्ज किए गए हैं। इसके साथ ही प्रदेश भर में कोरोना संक्रमण के एक्टिव मरीजों की संख्या 126 हो गई है। अब तक प्रदेश में एक्टिव मरीजों की संख्या लगतार सौ के आंकड़े के नीचे थी।लेकिन सब एक्टिव मरीजों की संख्या के सौ का आंकड़ा पार करने के बाद चिंता बढ़ गई है।

इससे पहले गुरुवार को भी प्रदेश भर में कोरोना के 11 नए मामले सामने आए थे। कोरोना के बढ़ते संक्रमण ने स्कूली बच्चों के अभिभावकों को चिंता में डाल दिया है। सोशल मीडिया पर कोरोना के खतरे के बने रहने के बावजूद स्कूल खोलने के शिवराज सरकार के फैसले का विरोध शुरू हो गया है।